नई दिल्ली। सोनिया गांधी की तबीयत सोमवार शाम लोकसभा में अचानक खराब हो गई। सोनिया गांधी को एम्स में भर्ती कराया गया। यहां कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में उनका टेस्ट किया गया। चेकअप के बाद देर रात डेढ़ बजे सोनिया गांधी को एम्स से छुट्टी दे दी गई।
एम्स के निदेशक आर सी डेका ने बताया कि सोनिया गांधी को रात करीब डेढ़ बजे अस्पताल से छुट्टी दी गई। उन्होंने बताया कि सोनिया गांधी ने रविवार को कुछ दवाएं ली थीं। इन दवाओं से रिएक्शन हो जाने की वजह से उन्हें बेचैनी और सिरदर्द की तकलीफ हुई। एम्स के डॉक्टरों के मुताबिक सोनिया गांधी की हालत ठीक है और वह सहज महसूस कर रही हैं।
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संसद में बिगड़ी थी तबीयत
दरअसल खाद्य सुरक्षा बिल में संशोधनों पर वोटिंग के दौरान अचानक सोनिया के सदन छोड़ने ने सबको चौंकाया। सोनिया के साथ-साथ राहुल गांधी भी संसद से बाहर निकले। सीढ़ियां उतरती सोनिया ने अचानक कुमारी शैलजा का हाथ थाम लिया। इससे अहसास हो गया कि सोनिया स्वस्थ नहीं महसूस कर रहीं। आनन फानन में गाड़ी आई, एक ओर से राहुल गाड़ी में बैठे फिर दूसरी ओर से सोनिया। सोनिया ने गाड़ी में बैठते ही कुमारी शैलजा को भी गाड़ी में बुलाया। और गाड़ी तेजी से निकल गई।
इससे पहले कि कोई समझ पाता कि आखिर अपना ड्रीम प्रोजेक्ट खाद्य सुरक्षा बिल पास कराए बगैर सोनिया ने सदन क्यों छोड़ा। खबर आई कि सोनिया गांधी एम्स पहुंची हैं और उन्हें वहां कार्डियोलॉजी विभाग में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों की एक टीम ने कार्डियो-न्यूरो सेंटर के एक विशेष कक्ष में उनके सेहत की जांच की। डॉक्टरों ने प्राथमिक जांच के बाद सोनिया को आराम करने की सलाह दी। इसके बाद सोनिया को एम्स में ही विशेष कमरे में पहुंचाया गया।
हर कोई सोनिया की सेहत को लेकर चिंतित था। लेकिन सूत्रों के मुताबिक सोनिया को रविवार की रात से ही वायरल बुखार था। सदन में भाषण देने के बाद जब वो बैठीं तो उन्हें सर्दी और बुखार बढ़ने का एहसास हुआ। जैसे ही राहुल को सोनिया की तबीयत बिगड़ने का एहसास हुआ, राहुल ने उन्हें एम्स ले जाने का फैसला लिया। जल्द ही प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा भी अस्पताल पहुंच गए। थोड़ी ही देर में एम्स में कांग्रेस नेताओं का तांता लग गया।
एम्स की शुरुआती जांच नें सोनिया की हृदय गति और ब्लड प्रेशर सामान्य पाया गया। जल्द ही एम्स के अतिविशिष्ट कक्ष में कांग्रेस के बड़े नेताओं ने सोनिया से मिलना-जुलना भी शुरू कर दिया। चिंता में लटके कांग्रेसियों के चेहरे सामान्य दिखने लगे।