लखनऊ: स्थानांतरण के बाद आनन-फानन में मऊ के पूर्व बीएसए राजीव रंजन मिश्र द्वारा डिस्पैच किए गए सभी पदोन्नति व संशोधन आदेश मऊ के जिलाधिकारी ने गुरुवार को निरस्त कर दिए। सभी संबंधित प्रधानाध्यापकों, सहायक अध्यापकों को निर्देशित किया कि वे अपने पूर्व तैनाती वाले विद्यालय पर तत्काल कार्यभार ग्रहण कर लें। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता एवं लापरवाही न बरती जाय। तबादला आदेश जारी होने के कई कई दिन बाद चार्ज छोड़ने के पीछे अवैध वसूली का गोरखधंधा केवल मऊ में ही नहीं हुआ फर्रुखाबाद और हापुड़ की कहानी इससे मिलती जुलती है| हापुड़ से फर्रुखाबाद स्थान्तरित हुए बीएसए ने भी 6 दिन बाद फर्रुखाबाद का चार्ज संभाला तो वहीँ फर्रुखाबाद के बी एस ए ने भी चार्ज तबादला आदेश मिलने के 6 दिन बाद तब छोड़ा जब हापुड़ से आये बी एस ए ने चार्ज लिया| मगर इस बीच सरकारी मोबाइल सिम जरुर बी एस ए भगवत पटेल ने तबादला आदेश के मिलते ही खंड शिक्षा अधिकारी को थमा दी थी| इस बीच खबर है की लगभग एक सैकड़ा से अधिक संशोधन (स्थानातरण और प्रोमोशन आदि के) आदेश बैकडेट में जारी हुए जिसमे 25 से 30 लाख के काले कारोबार की चर्चा है|
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यह जानकारी नवागत जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी माधवजी तिवारी ने दी। इसके पूर्व जिलाधिकारी ने पूर्व बीएसए द्वारा किए गए सभी स्थानांतरण आदेशों को भी रद्द कर दिया था। डायट में पुन: स्थानांतरण होने के बाद प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राजीव रंजन मिश्र ने 15 अगस्त की रातोंरात सभी पदोन्नति व स्थानांतरण संबंधी सभी लंबित मामलों को निस्तारित कर दिया। आरोप है कि इनके बदले संबंधित शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों से भारी भरकम धनउगाही की गई। धन न देने वाले शिक्षक स्थानांतरण व पदोन्नति से वंचित रह गए। पूर्व बीएसए की इस कारस्तानी का पता चलते ही जिलाधिकारी कुमुदलता श्रीवास्तव ने तत्काल उनके द्वारा 14 व 15 अगस्त को किए गए सभी फैसलों के लागू होने पर रोक लगा दी और स्थानांतरण व पदोन्नति के डिस्पैच निरस्त कर दिए। डीएम ने संपूर्ण प्रकरण की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।