कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में वार्डन, पूर्णकालिक शिक्षक, अंशकालिक शिक्षक, लेखाकार, रसोइया और सहायक रसोइया के पद पर अब केवल महिलाओं का ही चयन किया जाएगा। नियुक्ति प्रक्रिया में यह बदलाव लड़कियों की सुरक्षा के मद्देनजर किया गया है। हालांकि यह व्यवस्था केवल नई नियुक्तियों पर ही लागू होगी। पुराने पुरुष स्टाफ पहले की तरह काम करते रहेंगे। इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत 11 से 14 वर्ष तक की गरीब लड़कियों को कक्षा 6 से 8 तक की मुफ्त शिक्षा देने के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय खोले जाते हैं।
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इन स्कूलों में लड़कियों को पढ़ाई के साथ रहने व खाने की मुफ्त व्यवस्था होती है। प्रदेश में मौजूदा समय 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय चल रहे हैं।
इन विद्यालयों के लिए संविदा के आधार पर शिक्षकों और कर्मचारियों का चयन किया जाता है। विद्यालय में पहले महिला के साथ पुरुष कर्मचारियों का भी चयन किया जाता था।
इनमें पढ़ने वाली बालिकाओं की सुरक्षा को लेकर कई जिलों से शिकायतें आई थीं। इसे देखते हुए नई व्यवस्था लागू कर दी गई है।
इसके अलावा जिला स्तर पर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) प्राचार्य की अध्यक्षता में गठित होने वाली समिति ही अब सरकारी के साथ महिला समाख्या और स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा संचालित विद्यालयों में शिक्षकों और कर्मचारियों का चयन करेगी। पूर्व में इसके लिए अलग से समितियां होती थीं।