भारतीय सेना के जवानों ने लद्दाख में चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर उड़नतश्तरियों (यूएफओ) के देखने की रिपोर्ट दी है। सूत्रों के मुताबिक सेना ने यहां चार अगस्त को उड़नतश्तरी देखी थी। सैनिकों को यह उड़नतश्तरी लगन खेल इलाके के डेमचक में शाम को दिखी। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना सेना मुख्यालय को दे दी।
सैनिकों की रिपोर्ट में कहा गया है वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पिछले एक महीने के दौरान ये उड़नतश्तरियां कम से कम 100 बार दिखाई दीं। हालांकि ये कुछ दिनों के अंतर पर दिखी हैं। आधिकारिक तौर पर कहा गया है कि ये उड़नतश्तरियां चीनी ड्रोन या सेटेलाइट नहीं हैं।
उड़नतश्तरियां देखने का मामला संसद में भी उठ चुका है। संसद सदस्यों ने जब इस संबंध में रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी से पूछा तो उन्होंने कहा कि उड़नतश्तरियों के देखे जाने के बारे में ऐसे सबूत नहीं मिले हैं, जिनसे कोई ठोस निष्कर्ष निकाला जा सके।
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दरअसल कुछ दिनों पहले एक उच्चस्तरीय रिसर्च इंस्टीट्यूट ने कहा था कि जिन्हें लोग उड़नतश्तरी मान रहे हैं वे बृहस्पति और शुक्र ग्रह हैं। काफी ऊंचाई में होने वाली वजह से लद्दाख से ये साफ दिखते हैं। इसके अलावा लद्दाख में भारी वातावरण न होना भी इन्हें देखना आसान बना देता है। रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट में कहा गया है कि इन इलाकों में तैनात सैनिकों ने इन्हें उड़नतश्तरियां मान लिया है।
हालांकि अभी यह पता नहीं चला है कि सरकार और सेना ने इंस्टीट्यूट के इस तर्क को माना है या नहीं।
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पिछले साल भी कारगिल-लेह से सटी सीमा रेखा पर तैनात 14वीं कोर के सैनिकों ने उड़नतश्तरियां देखे जाने की खबर दी थी।