गंगा का जल स्तर खतरे के निशान पर स्थिर, रामगंगा और उफनाई

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FARRUKHABAD : गंगा व रामगंगा मिलकर तलहटी के ग्रामों में तबाही का मंजर ढाये हुए हैं। बीते लगभग एक सप्ताह से गंगा का जल स्तर लगातार बढ़कर खतरे के निशान पर पहुंच गया। बीते चार दिनों से जल में कोई कमी न होने से ग्रामीणों में हाहाकार की स्थिति मची हुई है। तेज धूप व जलभराव से गांवों में बीमारियों ने भी अपने पैर लगभग हर घर में पसार लिये हैं। लेकिन प्रशासन बाढ़ पीडि़तों की हवाई मदद करने में जुटा हुआ है।
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Flood Shamsabadरविवार को गंगा का जल स्तर अपने पुराने स्थान 137.10 मीटर पर टिका हुआ है वहीं रामगंगा का जलस्तर लगातार बढ़ते हुए 136.40 मीटर तक पहुंच चुका है। गंगा में रविवार को 182237 क्यूसेक व रामगंगा में 10372 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिससे अगले दो दिनों तक गंगा व रामगंगा में जल स्तर कमी होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
जनपद के लगभग एक तिहाई भाग को गंगा व रामगंगा दोनो नदियां अपने आगोश में लिये हुए हैं। जिससे ग्रामीण बेहद परेशान हैं। अब तक दर्जनों गांव खाली कराये जा चुके हैं। शमसाबाद व कमालगंज क्षेत्र के कई गांव गंगा की बाढ़ में कटकर अपने अस्तित्व को खो चुके हैं। बाढ़पीडि़तों को अब ऊंची सड़कें भी पन्नी डालकर रहने के लिए नसीब नहीं हो पा रही हैं। जिससे अब कायमगंज व शमसाबाद क्षेत्र के ग्रामीणों ने बाढ़ शरणालय बनाये गये मण्डी समिति में पहुंचना शुरू कर दिया है।
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वहीं प्रशासन की तरफ से बाढ़ग्रस्त गांवों में न तो दवाई वितरित करायी जा रही है और न ही ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जा रहा है। आशंका जतायी जा रही है कि बाढ़ कम होने के दौरान बीमारियां और भी विकराल रूप लेंगी जोकि ग्रामीणों की तबाही का कारण बनेंगी।