नई दिल्ली। संसद में आज भी वही नजारा दिखा जो कल और मॉनसून सत्र की शुरुआत से ही नजर आ रहा है। राज्यसभा और लोकसभा दोनों सदनों में आज भी हंगामा मचा रहा। इसके चलते दोनों सदनों की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
राज्यसभा में आज सदन की कार्यवाही शुरू होते ही रॉबर्ट वाड्रा जमीन खरीद का मामला उठा। इसे लेकर मचे भारी हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। लोकसभा में भी वाड्रा मामले पर भारी हंगामा हुआ। यहां भी कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
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राज्यसभा में वाड्रा मामले की गूंज
भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े कथित भूमि घोटाले की जांच की आज राज्यसभा मे जोरदार ढंग से मांग की। इसके कारण प्रश्नकाल नहीं हो सका और सदन की कार्यवाही बारह बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
सभापति मोहम्मद हामिद अंसारी ने जैसे ही सुबह सदन की कार्यवाही शुरू करनी चाही विपक्षी भाजपा के सदस्यों ने रॉबर्ट वाड्रा जमीन घोटाले की जांच की मांग की। सदस्य अपनी जगहों पर खड़े होकर नारे लगा रहे थे, रॉबर्ट वाड्रा मामले की जांच हो। कांग्रेस के सदस्यों ने भी खड़े होकर इसका कड़ा विरोध किया और दोनों पक्षों के बीच तीखी नोंक झोक हुई।
सभापति हामिद अंसारी सदस्यों के व्यवहार से खासे खिन्न दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि इस सदन में नियम पुस्तिका के सभी नियम तोड़े जा रहे हैं। इस पर विपक्ष की ओर से आवाज आई कि बाहर भी नियम तोड़े जा रहे हैं। इस पर उन्होंने सदस्यों को झिड़कते हुए कहा कि उनसे सवाल न किया जाए।
उन्होंने कहा कि अगर सदस्यों ने माहौल को बिगाड़ने की ठान ली है तो दूसरी बात है वरना तो यह सदन के चलने का तरीका नहीं है। भाजपा के प्रकाश जावडेकर ने कहा कि सरकार खुद ही सदन नहीं चलाना चाहती। सभापति ने सदस्यों के शांत न होने पर सदन की कार्यवाही बारह बजे तक स्थगित कर दी। बता दें कि वाड्रा पर हरियाणा मे भूमि घोटाले का आरोप है। इसे लेकर विपक्ष ने बार बार हरियाणा की कांग्रेस सरकार और कांग्रेस पार्टी को कठघरे में खड़ा किया है।
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लोकसभा में किश्तवाड़ हिंसा का मुद्दा उठा
लोकसभा में आज सबसे पहले किश्तवाड़ हिंसा का मुद्दा उठा। बीजेपी ने हिंसा के लिए राज्य सरकार और पुलिस को दोषी ठहराया। लोकसभा में बीजेपी सासंद योगी आदित्यनाथ ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया। आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार और पुलिस की लापरवाही से किश्तवाड़ में हिंसा हुई। तमाम चेतावनियों के बावजूद राज्य सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। वहां एक समुदाय के लोगों की दुकानों को जलाया गया, लेकिन सरकार नहीं चेती।
आदित्यनाथ ने कहा कि वहां चुन-चुनकर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। सरकार ने ही दंगों को बढ़ावा दिया है। जम्मू-कश्मीर को 1990 के दौर में ले जाया जा रहा है। आदित्यनाथ ने कहा कि किश्तवाड़ का दौरा करने के लिए एक सर्वदलीय नेताओं टीम भेजी जाए, जो सही स्थिति का पता लगाए।
आदित्यनाथ के बयान के बाद सदन में रॉबर्ड वाड्रा का मामला उठा, जिसके बाद सदन में भारी हंगामा मच गया और सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।