दहेज हत्या में 6 वर्ष बाद पति व सास, ससुर को दस-दस वर्ष की सजा

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FARRUKHABAD : अतिरिक्त दहेज की मांग को लेकर विवाहिता का उत्पीडऩ करने व मांग पूरी न होने पर उसकी हत्या कर देने के मामले में विशेष न्यायाधीष ईसी एक्ट संजय कुमार मलिक नें महिला सहित 3 अभियुक्तों को 10-10 वर्ष की सजा सुनाते हुये उन पर 7,000-7,000 रूपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना न अदा करने पर अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई।
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3july2010courtराजेपुर थाना क्षेत्र के गांव उमेदपुर उजरामऊ निवासी राजेन्द्र सिंह पुत्र श्यामल सिंह नें अपनी पुत्री उमा देबी का विवाह 20 जुलाई 2004 को कम्पिल थाना क्षेत्र के गांव हकीकतपुर निवासी कलक्टर के पुत्र ओमबीर सिंह पुत्र पिंकू के साथ अपनी सामथ्र्य के अनुसार दान दहेज देकर हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार किया था। लेकिन उमा के ससुरालीजन राजेन्द्र सिंह द्वारा दिये गये दहेज से संतुष्ट नहीं थे और अतिरिक्त दहेंज में मार्शल गाढ़ी व दो लाख रूपये की मांग को लेकर उमा को आये दिन प्रताडि़त करते रहते थे। अधिक दहेज की मांग पूरी न होने पर उमा के ससुरालीजनों नें उसकी 20 नवम्बर 2006 को मारपीट कर हत्या कर दी थी। मृतका के पिता राजेन्द्र सिंह नें पति ओमबीर सिंह, ससुर कलक्टर, सास अजव श्री, बहनोई सतेन्द्र सिंह, व उसकी पत्नी तथा उमा की ननद के विरूद्ध कम्पिल थाने में दहेज उत्पीडऩ व हत्या का मुकदमा पंजीकृत कराया था।
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विवेचक नें विवेचना कर ओमबीर सिंह उर्फ पिंकू, कलक्टर व अजव श्री के विरूद्ध धारा 304बी, 498ए, व 4डीपी एक्ट में न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। विशेष न्यायाधीष संजय कुमार मलिक नें मामले की सुनबाई करते हुये मृतका उमा के पति, सास, ससुर को उक्त तीनों धाराओं में दोषी करार देते हुये धारा 304बी में 10-10 वर्ष की सजा सुनाई। धारा 498ए में तीनों को 2-2 वर्ष की सजा व 5,000-5,000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया। बहीं धारा 4डीपी एक्ट में 1-1 वर्ष की सजा व 2,000-2,000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया जुर्माना न अदा करने पर तीनों अभियुक्तों को अतिरिक्त काराबास की सजा सुनाई।