नई दिल्ली। आरटीआई की तर्ज पर ही सभी पार्टियां चुनावी तोहफों पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से लगाई गई रोक को लेकर एकजुट हो गई हैं। आज इस मसले पर सर्वदलीय बैठक में बीएसपी को छोड़ सभी दल एक सुर में बोले। इन सभी पार्टियों ने चुनावी तोहफों पर सुप्रीम कोर्ट के रोक के फैसले का विरोध किया।
बीएसपी सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि बीएसपी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ है। लोग वोट पाने के लिए ऐसे वादे करते हैं। राष्ट्रीय दल इसके पक्ष में हैं जिसका हम विरोध करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा अपने नेताओं का फोटो लगाकर लोगों को बरगलाती है।
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समाजवादी पार्टी सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि सपा का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला अनुचित और अवांछनीय है। सपा कोर्ट के फैसले से असहमत है और मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट में बदलाव के खिलाफ है। जनता के सामने कोई वादा करके जाता है तो जनता तय करती है।
वहीं, बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पार्टी मानती है कि मतदान के समय धन बल पर चुनाव आयोग को कार्रवाई करनी चाहिए। लेकिन मेनिफेस्टो में क्या होना चाहिए ये पार्टी का विजन होता है। जबकि सीपीआई के डी राजा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला गलत है। मैनिफेस्टो बनाना हमारे अधिकार क्षेत्र में है।
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सर्वदलीय बैठक के बाद एनसीपी के डीपी त्रिपाठी ने बताया कि सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग के सामने अपने विचार रखे। सभी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला गलत है और इसे नहीं मानना चाहिए। ये राजनीतिक दलों की स्वतंत्रता पर हस्तक्षेप हैं। सभी दलों ने कहा है कि ये हमारा राजनीतिक अधिकार है। मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट में पहले ही काफी प्रावधान हैं। इसलिए अलग से दलों के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप सही नहीं है।