'सवा करोड़' में प्रवेशपत्र

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postmanलखनऊ। ऑनलाइन व्यवस्था को लेकर की गई कोताही माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को भारी पड़ा है। प्रवेश पत्रों के ऑनलाइन नहीं होने से बोर्ड को टीजीटी (प्रशिक्षित स्नातक)-पीजीटी (प्रवक्ता) 2011 भर्ती परीक्षा के पांच लाख से अधिक आवेदकों को प्रवेश पत्र डाक से भेजने में सवा करोड़ रुपये खर्च करने पड़े हैं। बोर्ड सचिव वंशगोपाल मौर्य मानते हैं कि यदि ऑनलाइन व्यवस्था को लेकर पहले से ही एहतियात बरती गई होती तो कम से कम आधी रकम तो अवश्य बच जाती। हालांकि वह यह कहते हैं कि टीजीटी- पीजीटी 2012 परीक्षा में यह नौबत नहीं आने पाएगी, इसके लिए बोर्ड प्रयासरत है।
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बहुप्रतीक्षित टीजीटी-पीजीटी 2011 परीक्षा के अंतर्गत टीजीटी के 14 विषयों की परीक्षाएं 25 अगस्त (हिंदी,अंग्रेजी विज्ञान,जीव विज्ञान,गृह विज्ञान, कामर्स व फिजिकल एजुकेशन) और एक सिंतबर (उर्दू,सामाजिक विज्ञान, संगीत,कृषि,संस्कृत,कला व गणित) को जबकि पीजीटी के 21 विषयों की परीक्षाएं आठ सिंतबर को होंगी। टीजीटी में तीन लाख 46 हजार पीजीटी परीक्षा में एक लाख 83 हजार अभ्यर्थी शामिल होंगे। परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र सोमवार से रजिस्टर्ड डाक से भेजने का काम शुरू कर दिया गया है। बोर्ड के परीक्षा सेल के मुताबिक ऑनलाइन व्यवस्था के मामले में बोर्ड के ढुलमुल रवैये का नतीजा है कि टीजीटी पीजीटी परीक्षा 2011 में ऑफलाइन आवेदन ही मंगाए गए। अब यदि आवेदन ऑफलाइन मंगाये गए हैं तो प्रवेश पत्रों को भी रजिस्टर्ड डाक से भेजना बोर्ड की मजबूरी बन गया। इसमें एक अभ्यर्थी के प्रवेशपत्र पर 22 रुपये के डाक टिकट के अलावा डेढ़ रुपये डाक संबंधी अन्य खर्च उठाना पड़ा है। इस मद में बोर्ड को करीब सवा करोड़ रुपये खर्च करने पड़े हैं। सचिव के मुताबिक इसके बाद होने वाली परीक्षाओं में ऑनलाइन आवेदन ही स्वीकार किए जाएंगे ऐसे में प्रवेश पत्र की व्यवस्था भी ऑनलाइन ही होगी।
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