नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार की दलील है कि दुर्गा शक्ति नागपाल को इसलिए निलंबित किया गया, क्योंकि धार्मिक स्थल की दीवार गिराए जाने से तनाव का माहौल हो गया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आगे ये दलील नहीं टिकती।
दरअसल 29 सितंबर 2009 में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि धार्मिक स्थल के नाम पर अवैध निर्माण की इजाजत नहीं दी जा सकती, और इस दलील को नहीं माना जा सकता कि इस पर कार्रवाई से कानून-व्यवस्था की खराब हो सकती है। 10 मई 2011 को सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि अवैध तरीके से धार्मिक स्थल के निर्माण पर कार्रवाई के मामले में मंदिर या मस्जिद में कोई फर्क नहीं होना चाहिए।
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18 जनवरी 2013 को सुप्रीम कोर्ट ने धार्मिक स्थल के निर्माण या किसी जानेमाने शख्स की मूर्ति की स्थापना के लिए अतिक्रमण को गलत करार दिया। 2006 में गुजरात हाईकोर्ट ने सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से बने 1200 मंदिरों और 260 मजारों को हटाने का आदेश दिया था।