नई दिल्ली: साक्षरता मिशन अब केवल निरक्षरों को साक्षर बनाने का माध्यम भर नहीं रहेगा। अब इस योजना के माध्यम से साक्षर लोगों को 10वीं कक्षा के बराबर की शिक्षा प्रदान की जाएगी। इसके लिए साक्षरता मिशन के तहत पढ़ने वालों के लिए लेवल 5 तथा लेवल 10 की परीक्षा भी आयोजित होगी। मानव संसाधन मंत्रालय इसी साल से इस योजना को लागू करने जा रहा है।
देश में पढ़ाई लिखाई से वंचित रह जाने वाले लाखों लोगों को अक्षर ज्ञान कराने के मकसद से भारत सरकार सालों से साक्षरता मिशन अभियान चला रही है। पिछले तीन साल से इस मिशन के तहत शिक्षा पाने वाले लोगों की परीक्षा भी ली जाने लगी है। राष्ट्रीय साक्षरता मिशन अथॉरिटी नवसाक्षर लोगों की परीक्षा राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) के माध्यम से साल में दो बार मार्च एवं अगस्त में आयोजित करता रहा है। यह परीक्षा लेवल वन कही जाती है। पहली लेवल की परीक्षा पास करने वाले व्यक्ति की पढ़ाई लिखाई का स्तर सामान्य स्कूलों में कक्षा तीन के छात्र के बराबर माना जाता है। मानव संसाधन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब इस योजना के तहत पहली लेवल की परीक्षा पास करने वालों को लेवल पांच तथा लेवल दस की शिक्षा प्रदान करके एनआईओएस के माध्यम से उनकी परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। लेवल पांच का स्तर आठवीं कक्षा के बराबर तथा लेवल दस की परीक्षा दसवीं कक्षा के समान होगी। इस तरह साक्षरता मिशन के तहत चलने वाले केंद्र अशिक्षित लोगों को साक्षर ही नहीं, बल्कि शिक्षित होने का भी अवसर प्रदान करेंगे।
• अभी सिर्फ पहली लेवल तक ही मिलती है शिक्षा
• केंद्र सरकार का फैसला इस साल से होगा लागू
वर्तमान समय में देश में कुल 272 जिलों में साक्षरता मिशन की योजना चलाई जा रही है। मार्च 2013 में हुई लेवल वन की परीक्षा में विभिन्न राज्यों से 53.62 लाख लोग शामिल हुए थे। इनमें से 73.49 प्रतिशत परीक्षा पास करने में सफल रहे। उत्तर प्रदेश में सफलता का प्रतिशत 83 फीसदी से भी ज्यादा रहा, जबकि उत्तराखंड में 68.9 फीसदी लोग ही इस परीक्षा में सफल हो सके। वहीं, हिमाचल प्रदेश में इस मिशन के तहत सिर्फ 51 फीसदी लोग ही सफलता हासिल कर पाए हैं।