वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये कैदी कर पायेंगे परिजनों से मुलाकात

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FARRUKHABAD : दिनों दिन जेलों से पेशी के लिए जाने के बाद फरार होने और जेल के बाहर से अमानक सामग्री अंदर पहुंचने की बढ़ती बारदातों को रोकने के लिए जेल प्रशासन अब अहम कदम उठाने जा रहा है। बाहर से आने वाले कदियों के मुलाकातियों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये बातचीत करायी जायेगी। इस योजना को शीघ्र अमल में लाया जा रहा है। यह जानकारी केन्द्रीय कारागार फतेहगढ़ पहुंचे उप कारागार निरीक्षक शरद कुलश्रेष्ठ ने दी।
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एक दिन पूर्व ही जनपद में पहुंचे उप कारागार निरीक्षक शरद कुलश्रेष्ठ ने बुधवार को जिला कारागार फतेहगढ़ का निरीक्षण किया तो वहीं गुरुवार को वह केन्द्रीय कारागार फतेहगढ़ पहुंचे। जहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान डीआईजी श्री कुलश्रेष्ठ ने बताया कि उनके जोन की लगभग सभी जेलों में कम्प्यूटर एवं ब्राडबैंड कनेक्शन दिया गया है, जो यूपी डेस्को कंपनी के माध्यम से खरीदे गये हैं। ब्राडबैंड में बीएसएनएल नेटवर्क इस्तेमाल किया जायेगा। उन्होंने बताया कि कैदियों को जेल से दूर दराज अदालत में पेश करने के लिए ले जाने में करोड़ों रुपये खर्च आता था। इसको रोकने के लिए कम्प्यूटर व ब्राडबैंड के माध्यम से उसकी अपील व अन्य अदालत सम्बंधी दस्तावेज भेजे जा सकेंगे। जिससे उसे लाने ले जाने की झंझट से छुटकारा तो मिलेगा ही साथ ही करोड़ों रुपये की वार्षिक बचत भी होगी।
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श्री कुलश्रेष्ठ ने बताया कि मुलाकात करने के लिए भी अब जेलों को शीघ्र हाईटेक किया जायेगा। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से कैदियों के परिजनों से मुलाकात करायी जाया करेगी। जिससे बाहर से आने वाले कैदियों के परिजनों द्वारा अमानक सामग्री अंदर तक नहीं पहुंच सकेगी और परिजन अपने बंदी परिजन से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये भेंट भी कर सकेंगे।
एक प्रश्न के जबाब में उन्होंने बताया कि अक्सर कैदियों को बाहर के लिए रिफर किया जाता है। क्योंकि अपने जनपद में अच्छे चिकित्सकों की कमी है। उन्होंने बताया कि मुख्य चिकित्साधिकारी से उनकी बात हुई थी। सीएमओ ने उन्हें जानकारी दी कि जनपद में 145 चिकित्सकों के पद हैं, जिनमें से 45 पदों पर ही तैनाती है। जिस कारण कैदी को बाहर के लिए रिफर कर दिया जाता है। जिसमें जेल प्रशासन का कोई योगदान नहीं है। इस दौरान केन्द्रीय कारागार के अधीक्षक यादवेन्द्र शुक्ला भी मौजूद रहे।