आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल पर चार्जशीट की तयारी, केंद्र ने मांगी रिपोर्ट

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Durga Shakti SDM IASलखनऊ: केन्द्र सरकार ने निलंबित आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को लेकर यूपी सरकार से रिपोर्ट मांगी है। वहीं, सूत्रों का कहन है कि राज्य सरकार ने निलंबन वापस लेने के बजाय एसडीएम को चार्जशीट देने का मन बना लिया है और जवाब तलब किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि नियमानुसार यदि चार्जशीट के जवाब से सरकार संतुष्ट नहीं हुई तब आगे की कार्रवाई की जाएगी। उधर सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर की मांग पर आज केंद्र ने प्रदेश सरकार से मामले की रिपोर्ट तलब की है| इस मामले में केंद्रीय मंत्री नारायणसामी ने कहा है कि दुर्गा का पक्ष भी सरकार जानेगी। नारायणसामी ने कहा है कि अगर दुर्गा पर गलत कार्रवाई हुई है तब केंद्र दखल देगा।

यूपी सरकार ने ग्रेटर नोएडा में तैनात आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल को सस्पेंड कर दिया। सरकार ने वजह बताई कि एक मस्जिद की दीवार गिराने में दुर्गा ने लापरवाही बरती, जबकि विपक्षी दलों का कहना है कि दुर्गा को रेत माफिया के दबाव में सस्पेंड किया गया क्योंकि वह रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई कर रही थीं।

इधर, दुर्गा शक्ति के निलंबन पर अब राजनीति भी तेज हो गई है। मायावती ने यूपी की अखिलेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यूपी में गुंडा और माफिया राज है। उन्होंने कहा कि माइनिंग माफिया की पोल खोलने की सजा एक ईमानदार आईएएस अफसर दुर्गा शक्ति नागपाल को झेलनी पड़ रही है। कांग्रेस और बीजेपी ने भी दुर्गा के निलंबन को गलत बताते हुए उन्हें फिर से बहाल करने की मांग की है। वहीं, यूपी सरकार के वरिष्ठ मंत्री शिवपाल यादव का कहना है कि दुर्गा के निलंबन का माइनिंग माफिया से कोई लेना−देना नहीं है। उन्होंने कहा कि यह कहना गलत होगा कि उन्हें ईमानदारी की सजा मिली है।

वहीं सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन के संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगे जाने की मांग की, इसके बाद आज केंद्र ने प्रदेश सरकार से मामले की रिपोर्ट तलब की है|

गौरतलब है कि नूतन ने केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय के सचिव को पत्र लिखकर यह मांग की है। उन्होंने कहा है कि चूंकि केंद्र सरकार आईएएस अफसरों की नियंता प्राधिकारी है और उसे अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन और अपील) नियमावली 1969 के नियम 3(6ए) के तहत निलंबन के संबंध में रिपोर्ट प्राप्त करने का अधिकार है, इसलिए नागपाल के निलंबन के संबंध में वह उत्तर प्रदेश सरकार से तत्काल विस्तृत रिपोर्ट तलब करे और निलंबन को आधारहीन व अनुचित पाए जाने पर उसे निरस्त करे।

नूतन ने पत्र में यह भी मांग की है कि केंद्र सरकार सभी प्रदेशों के मुख्य सचिवों को बालू माफियाओं और सार्वजनिक भूमि पर अवैध धार्मिक निर्माण नहीं करने संबंधी सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने वालों के खिलाफ कारवाई करे।

पत्र में यह मांग भी की गई है कि केंद्र सरकार आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसरों को सहयोग प्रदान करे और उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश जारी करे कि वह इन अधिकारियों को निलंबित कर उनका मनोबल न तोड़े।

गौरतलब है कि नोएडा में खनन माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाने वाली आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल को राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया है।

राज्य सरकार की तरफ से कहा गया है कि नोएडा में एक निर्माणाधीन मस्जिद की दीवार को बिना विधिक प्रक्रिया का पालन किए अदूरदर्शी तरीके से हटवाने के कारण सांप्रदायिक सौहार्द का वातावरण प्रभावित हुआ, इस कारण एसडीएम दुर्गा के खिलाफ कारवाई की गई।