अधिकांश मतदाताओं को शायद मालूम नहीं कि दो स्थानों पर मतदाता सूची में नाम होने पर उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज की जा सकती है और उन्हें जुर्माना और सजा झेलनी पड़ सकती है। इस तथ्य से मतदाताओं को अवगत कराने तथा उन्हें स्वयं आगे आकर अपना नाम दो स्थानों पर होने की जानकारी देने का अवसर देने के लिए प्रदेश में शीघ्र ही अभियान चलाया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी उमेश सिन्हा ने ‘जागरण’ से बातचीत में कहा कि इस अभियान को चलाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग से अनुमति मिल गयी है और जल्दी ही इस अभियान के लिए तारीख का एलान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभियान की अवधि लगभग दो माह की होगी।
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मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि मतदाताओं को यह बात समझनी होगी कि वे मौजूदा समय में जहां निवास कर रहें होंगे वहीं वह मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। बहुत से लोग अपने मूल निवास के पते वाली मतदाता सूची में भी नाम दर्ज करा लेते हैं और जहां नौकरी अथवा व्यवसाय करते हुए रहते हैं वहां की वोटर लिस्ट में भी दर्ज हो जाते हैं।
यह समस्या शहरों में ज्यादा देखने में आती है जहां लोग बहुधा निवास बदलते हैं। नए निवास के पते पर वोटर लिस्ट में दर्ज हो जाते हैं और पहले वाले पते से अपना नाम हटवाने की उन्हें सुधि नहीं रहती थी। इससे कई तरह की समस्याएं आती हैं और अक्सर मतदान से सम्बंधित आंकड़े पूरी तरह से सटीक नहीं आ पाते। दो स्थानों पर नाम होने से फर्जी मतदान की सम्भावना भी बनी रहती है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व कानून 1950 की धारा 51 के तहत दो स्थानों पर वोटर लिस्ट में नाम होने पर सम्बंधित व्यक्ति के विरूद्ध निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (सामान्यतया एसडीएम) द्वारा एफआईआर दर्ज करायी जा सकती है। जुर्माने के साथ-साथ एक वर्ष तक की सजा का प्रावधान है।
सिन्हा ने कहा कि कोशिश की जाएगी कि जिनका नाम दो मतदाता सूचियों में शामिल है वे महसूस करें कि ऐसा होना स्वयं उनके हित में भी नहीं है और वे इस बाबत जानकारी देने के लिए आगे आएं। जो लोग प्रस्तावित अभियान के तहत मिलने वाले अवसर का लाभ नहीं उठाएंगे उनके खिलाफ सुसंगत कार्रवाई की जाएगी।