छपरा। सारण के मशरक ब्लॉक के धरमासती गंडामन गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में मंगलवार को मिड डे मील (मध्याह्न भोजन) खाने से बीस बच्चों की मौत हो गई। छपरा सदर अस्पताल में करीब 50 बच्चों को भर्ती कराया गया लेकिन हालत में सुधार न होने पर उनमें से 40 को देर रात पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया। इनमें से कई की हालत नाजुक है।
जानकारी के मुताबिक विद्यालय में रोजाना की तरह मंगलवार को भी बच्चों ने मध्याह्न भोजन खाया। इसके कुछ देर बाद ही बच्चे उल्टी करने लगे। खाने में चावल व सब्जी बनी थी। विद्यालय की प्रभारी प्रधानाध्यापिका मीणा कुमारी ने बताया कि जिन बच्चों ने सब्जी खाई है उनकी ही हालत बिगड़ी है। लगता है कि सब्जी में ही कीटनाशक या जहर था। जब बच्चों की स्थिति बिगड़ने लगी तो उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, वहां दो बच्चों की मौत हो जाने पर सभी को छपरा सदर अस्पताल भेजा गया। सदर अस्पताल में देर रात तक 15 बच्चों की मौत हो चुकी है। इसी के बाद गंभीर दशा वाले बच्चों को पटना भेजने का निर्णय लिया गया। पटना के रास्ते में भी दो बच्चों की मौत हो गई।
बताया गया है कि खाना खाने से भोजन बनाने वाली महिला की हालत भी गंभीर बनी हुई है। अस्पताल परिसर में हर तरफ रोने -चिल्लाने की आवाज आ रही है। घटना से आक्रोशित लोगों ने छपरा के दरोगा राय चौक पर रात में आगजनी कर जमकर हंगामा किया और पुलिस पर पथराव किया।
बच्चों का इलाज करने वाले चिकित्सक केएन दुबे ने बताया कि पीड़ित बच्चों में जो लक्षण दिख रहे हैं उससे लगता है कि कीटनाशक मिला भोजन खाने से उनकी यह दशा हुई है। मृत बच्चों का शीघ्र पोस्टमार्टम कराकर उनके परिजनों को सौंपने का जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है। विद्यालय में रखे खाने को प्रशासन ने जब्त कर लिया है। उसका परीक्षण कराया जाएगा। घटना की सूचना मिलने पर महाराजगंज के सांसद प्रभुनाथ सिंह और सारण के मंडलायुक्त चंद्रशेखर शर्मा अस्पताल पहुंच गए हैं।
मुख्यमंत्री ने दिया जांच का आदेश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मध्याह्न भोजन खाकर मरे बच्चों की घटना को गंभीरता से लेते हुए उच्चस्तरीय जांच का आदेश दिया है। सारण प्रमंडल के आयुक्त शशिशेखर शर्मा को जांच का जिम्मा दिया गया है। मृतक के परिजनों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने बीमार बच्चों के बेहतर इलाज कराने का निर्देश दिया है।
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भाजपा व राजद का छपरा बंद का आह्वान
तमाम विपक्षी दलों ने छपरा मिड डे मील कांड पर सरकार को घेरा है। इसे शासन की नाकामयाबी बताया गया है। भाजपा व राजद ने बुधवार को छपरा बंद का आह्वान किया है। इस दौरान राजद नेताओं के अलावा सुशील कुमार मोदी, मंगल पांडेय, नंदकिशोर यादव, राजीव प्रताप रूडी, संजय मयूख आदि वरीय भाजपाई मौजूद रहेंगे। बहरहाल, पेश है इस मसले पर कमोबेश तमाम पार्टियों की राय, उनकी मांग ..
तुरंत दंडित हों दोषी : भाजपा
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय के अनुसार बुधवार को छपरा बंद रहेगा। प्रो. सूरज नंदन मेहता ने कहा-यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। दोषी तत्काल दंडित हों।
उच्चस्तरीय जांच हो : लालू
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने इसकी उच्चस्तरीय जांच व दोषी को कड़ी सजा की मांग की है। घटना के खिलाफ राजद ने बुधवार को सारण बंद का आह्वान किया है। लालू ने बंद में सभी धर्मनिरपेक्ष दलों का समर्थन मांगा है। नीतीश कुमार के शासन में हर तरफ घपला है। छपरा की घटना इसका नया गवाह है।
खुली सुशासन की पोल : रामविलास
लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान के अनुसार इस घटना से सुशासन की पोल खुल गई। जांच पटना हाईकोर्ट के कार्यरत न्यायाधीश से कराई जाए। मृतक के परिजनों को 20-20 लाख रुपये मुआवजा मिले। मुख्यमंत्री इसकी जिम्मेदारी लें। पार्टी के प्रधान महासचिव राघवेन्द्र सिंह कुशवाहा और महासचिव रोहित कुमार सिंह ने शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है।
25-25 लाख मुआवजा मिले : रालोसपा
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी(रालोसपा) ने बच्चों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये देने की मांग की है। पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी रौशन पाठक ने बच्चों के इलाज के लिए 50-50 हजार रुपये दिए जाने की मांग की।
जानलेवा लापरवाही : कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी ने इसे जानलेवा प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा बताया। उन्होंने मृतक के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये देने की मांग की।