लखनऊ : समाजवादी पार्टी ने कुछ अरसा पहले ही गठित समाजवादी ब्राह्मण सभा, समाजवादी बौद्धिक सभा, समाजवादी विकलाग सभा को खत्म कर दिया है। पार्टी ने चेतावनी दी है कि कोई नेता अपने लेटर हेड पर इन संगठनों के पूर्व पदाधिकारी होने का उल्लेख नहीं करे वरना उसके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।
सपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि राष्ट्रीय महासचिव प्रो.राम गोपाल यादव ने इन संगठनों को भंग करने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि समाजवादी पार्टी के संविधान में 14 प्रकोष्ठ चलाने का जिक्र है। पार्टी संविधान में समाजवादी ब्राह्मण सभा, समाजवादी बौद्धिक सभा, समाजवादी विकलाग सभा और समाजवादी शब्द जोड़कर बनाये गये व्यापारिक संगठन का अस्तित्व नहीं है। लिहाजा इन संगठनों को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया गया है।
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सपा प्रवक्ता ने बताया कि समाजवादी पार्टी के जिला एवं महानगर अध्यक्षों को अस्तित्वविहीन किये गये संगठनों से जुड़ी होर्डिग, बैनर और पोस्टर हटवाने का निर्देश दिया गया है। गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी ने बामुश्किल दो माह पहले समाजवादी बौद्धिक सभा का गठन किया था। जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष भी घोषित किये गये थे और उन्होंने हाल में ही एक सार्वजनिक कार्यक्रम भी आयोजित किया था। सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पहले किसी भी विवाद से बचने के लिए सपा ने पार्टी संविधान से इतर के संगठनों को भंग किया है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही हाई कोर्ट ने जातीय सम्मेलनों, रैलियों पर रोक लगायी है।