नई दिल्ली: एक जनाब ने पुलिस वालो को उनके काले कारनामो के बदले की सजा उनकी वसूली घूस की रकम हड़प कर दे दी| कुछ ऐसा ही दिल्ली पुलिस के 50 से अधिक भ्रष्टाचार में लिप्त पुलिस कर्मियों के साथ भी हुआ।
एक व्यक्ति ने 55 पुलिसकर्मियों को अलग-अलग मामलों में रिश्वत लेते हुए अपने खुफिया कैमरे में रिकार्ड ही नहीं किया, बल्कि इसे सार्वजनिक किए जाने की धमकी देकर ब्लैकमेलिंग भी की। पुलिसकर्मियों से ब्लैकमेलिंग कर लाखों रुपये भी वसूले गए। यह काम जिस प्रॉपर्टी डीलर के नाम का सहारा लेकर किया गया, उसे इसकी भनक तक न थी। जब प्रॉपर्टी डीलर को मामले की भनक लगी तो उसने किसी तरह से पुलिसकर्मियों की रिश्वतखोरी और ब्लैकमेलिंग का अहम सबूत के रिकार्ड वाला लैपटॉप हासिल कर उसे दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया।
उच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश बीडी अहमद व न्यायमूर्ति विभू बाखरू की खंडपीठ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली पुलिस की साइबर सेल को निर्देश दिया है कि वह लैपटॉप में दर्ज डाटा को निकाल कर उसकी दो कॉपी कर ले। एक कॉपी दिल्ली उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार के पास सीलबंद लिफाफे में सुरक्षित रखी जाए और अन्य कॉपी दिल्ली पुलिस के विजिलेंस विभाग को मामले की जांच के लिए दे दी जाए।
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उच्च न्यायालय ने कहा कि चूंकि न्यायालय के समक्ष पेश किए गए लैपटॉप की चोरी का मुकदमा द्वारका साउथ थाना में दर्ज है, इसलिए डाटा की कॉपी करने के बाद लैपटॉप संबंधित थाना की पुलिस के सुपुर्द कर दिया जाए। मामले की सुनवाई 24 जुलाई को होगी। दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष प्रॉपर्टी डीलर चेतन प्रकाश शर्मा ने अधिवक्ता अनिल कुमार अग्रवाल के माध्यम से जनहित याचिका दायर की है।
याचिकाकर्ता का कहना था कि वह प्रॉपर्टी डीलर है। 4 सितंबर 2012 को वह किसी काम से द्वारका नार्थ थाना में गया था। वहां उसे मालूम हुआ कि जय कोचर नामक कोई व्यक्ति उसका नाम लेकर पुलिसकर्मियों को धमकाता व उन्हें ब्लैकमेल कर रहा है। उसने जांच की तो पाया कि जय कोचर ने करीब 55 पुलिसकर्मियों की रिश्वत लेते हुए वीडियो रिकार्डिग कर रखी है और वह उसका नाम लेकर उनसे लाखों रुपये ले चुका है। याचिकाकर्ता ने कोचर को फोन करके उसका नाम इस्तेमाल करने का कारण जानना चाहा। कोचर ने फोन काट दिया और वह नंबर बदल दिया।
इसके बाद उसे मालूम हुआ कि कोचर के पास एक लैपटॉप है। इसमें सभी पुलिसकर्मियों के कारनामे और उनसे ली गई रकम का जिक्र है। उसने किसी तरह से यह लैपटॉप हासिल किया। लैपटॉप में हर पुलिसकर्मी का एक अलग फोल्डर बना है और उसमें उनसे ली गई रकम का भी ब्योरा है। उसने मामले की शिकायत दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों को की, मगर कोई कार्रवाई नहीं की गई। लैपटॉप चोरी का मुकदमा दर्ज करा दिया गया। लिहाजा लैपटॉप में दर्ज डाटा की कॉपी कर उसे सबूत के तौर पर सुरक्षित रखा जाए और मामले में कार्रवाई के निर्देश जारी किए जाएं।