शमसाबाद (फर्रुखाबाद): उत्तराखण्ड में आयी प्राकृतिक तबाही के बाद गंगा के उफान ने जनपद के सैकड़ों गांवों में तबाही मचा दी है। बीते 15 दिनों से बाढ़ का दंश झेल रहे गंगा के तटवर्ती ग्रामीणों को कोई राहत महसूस नहीं हो रही है। हालांकि गंगा के जल स्तर में बीते कुछ दिन पहले ही कमी आयी लेकिन उससे स्थिति में सुधार होने के बजाय गंगा का कटान तेज हो गया। गंगा कटान से शमसाबाद क्षेत्र के दो गांव पहले ही विलीन हो चुके हैं।
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मंगलवार को शमसाबाद क्षेत्र के ढाईघाट के सामने गंगा के कटान को रोकने के लिए लगाये गये परको पाइप बह गये। जिससे ढाईघाट को जाने वाली सड़क का कटान अब तेज हो गया। सड़क पर बसे साधौ सराय व सुतिहार के ग्रामीण अब वहां से भी हटने के कगार पर हैं। भयभीत ग्रामीणों ने सिंचाई विभाग को परकोपाइप बह जाने की सूचना दी।
सिंचाई विभाग के सह अभियंता चन्द्रमोहन ने बताया कि परकोपाइप बह कर गंगा के गहरे पानी में चले गये। जिससे गंगा का कटान इस तरफ तेजी से हो रहा है। फिर भी कटान रोकने का प्रयास किया जा रहा है।
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इसके साथ ही गंगा के पानी से अभी दर्जनों गांव घिरे हुए हैं। जिनमें पशुओं के चारे की खास समस्या बनी हुई है। प्रशासन की तरफ से इन बाढ़ से घिरे गांवों के लोगों का कोई स्वास्थ्य परीक्षण इत्यादि कराकर दवाई भी वितरित नहीं की गयी। जिससे ग्रामीण काफी संकटग्रस्त स्थिति में हैं।