FARRUKHABAD : साथ जीने मरने की कसमें खाकर जब समाज ने एक साथ नहीं जीने दिया तो दुनिया से जुदा होने की ही ठान ली और फांसी के फंदे को साथ-साथ चूम लिया और अंदर से कमरे का दरबाजा बंद कर, एक ही कमरे में, एक ही रस्सी से, एक साथ भगवान के प्यारे हो गये। घटना की भनक जब परिजनों को लगी तो तत्काल पुलिस को सूचना दी गयी। घटना स्थल पर पुलिस अधीक्षक जोगेन्द्र कुमार व अपर पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश सिंह दल बल के साथ पहुंचे।
थाना मऊदरवाजा क्षेत्र के ग्राम कुइयांबूट निवासी 30 वर्षीय धर्मेन्द्र शाक्य उर्फ पिंकू पुत्र सोवरन शाक्य जसमई दरबाजे के निकट सीमेंट सरिया की धर्मेन्द्र ट्रेडिंग कंपनी के नाम से दुकान किये था। अपना दल के नेता धर्मेन्द्र अपने जसमई रोड स्थित आवास पर सीमेंट सरिया मोरम की दुकान पर ही समय गुजार रहा था। तकरीबन दो वर्ष पूर्व उसकी आंखें सीमा पाल नाम की एक युवती से लड़ गयीं। युवती धर्मेन्द्र शाक्य के मकान के सामने ही एक कम्प्यूटर सेन्टर पर कोर्स कर रही थी। धीरे-धीरे नजदीकियां बढ़ीं तो दोनो में प्रेम जाग गया।
सीमा पाल पुत्री राजेंद्र पाल निवासी नगला पोपी ग्राम मदनपुर मोहम्मदाबाद वर्तमान में धर्मेन्द्र के मकान के पड़ोस में ही रह रहे नरबीर पाल के यहां किराये पर रह रही थी। बताते हैं कि धर्मेंद्र ने अपनी प्रेमिका सीमा को अपने पड़ोस में ही किराये पर मकान दिला कर रख छोड़ा था। सीमा अक्सर धर्मेन्द्र के घर आती जाती थी। यह बात सूत्रों के अलावा स्थानीय लोगों ने भी बतायी। किराये पर अकेली रह रही सीमा पाल पर मोहल्ले के ही अन्य कई युवकों से भी मित्रता की चर्चा है।
धर्मेन्द्र के छोटे भाई वरुण उर्फ मिथुन शाक्य ने बताया कि वह भाई के साथ ही घर पर रह रहा था। बीती रात को धर्मेन्द्र तकरीबन 9 बजे घर आया और गाली गलौज करने लगा। उसकी बातों से ऐसा लग रहा था कि वह कहीं से झगड़ा करके आया है। वरुण ने बताया कि फिर वह ऊपर सोने चला गया और धर्मेन्द्र नीचे के कमरे में सो रहा था। प्रातः जब धर्मेन्द्र ने अपने कमरे का दरबाजा काफी देर तक नहीं खोला। कमरा खटखटाने पर जब नहीं खुला तो लोहे के गेट को गैस बेल्डिंग से कटवाकर अंदर देखा तो धर्मेन्द्र और सीमा दोनो छत पर टंगे थे। धर्मेन्द्र ने पंखे में रस्सी से लटक कर फांसी लगायी थी तो वहीं सीमा उससे कुछ ही दूरी पर उसी कमरे में छत के कुन्डे में रस्सी से लटकी हुई थी। सीमा का सफेद कलर का दुपट्टा बैड पर रखा था और दोनो के मोबाइल फोन भी बैड पर मिले।
मौके पर पहुंचे क्षेत्राधिकारी नगर वाईपी पाण्डेय ने जब युवती के फोन से लास्ट काल पर डायल किया तो उधर से पूछने पर एक व्यक्ति ने बताया कि वह मोहम्मदाबाद से सीमा का पिता बोल रहा है। तब उसने पुलिस का नाम सुनकर मोबाइल स्विच आफ कर लिया। राजेंद्र पाल मोहम्मदाबाद के खिमसेपुर स्थित शिवनंदन सिंह इंटर कालेज में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है। घटना की जानकारी होने के तकरीबन दो घंटे बाद पुलिस अधीक्षक जोगेन्द्र कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक ओपी सिंह आदि भी मौके पर आ गये और शव को नीचे उतरवाया। सीओ सिटी वाई पी सिंह ने बताया कि मध्य रात्रि के समय फांसी लगाई गयी जिसके कारण शव अकड गये है।
सीमा का मकानमालिक नरबीर पाल अपना घर बंद करके फरार हो गया। जिस कम्प्यूटर पर सीमा कोर्स कर रही थी। उस कम्प्यूटर संचालक से भी पुलिस ने सीमा के विषय में पूछताछ की लेकिन उसने अपने यहां सीमा के नाम से कोई अभिलेख होने से भी इंकार कर दिया। फिलहाल इस सम्बंध में पुलिस अधीक्षक जोगेन्द्र कुमार ने जेएनआई को बताया कि घटना के पीछे कारण क्या था, इसका अभी खुलासा नहीं हो पाया है। दोनो शवों का पोस्टमार्टम कराया जायेगा। जिसके बाद आगे की कार्यवाही होगी।
मृतक धर्मेन्द्र के बड़े भाई राजेन्द्र कुमार की लम्बी बीमारी के बाद मौत हो गयी थी। राजेन्द्र अपने पीछे अपनी पत्नी रेनू और पुत्री को छोड़ गया था। रेनू अभी ज्यादा उम्र की नहीं थी। इस बजह से परिवार के लोगों ने धर्मेन्द्र के साथ उसका विवाह (धरौना) जबरिया कर दिया था। धर्मेन्द्र अपनी भाभी के साथ शादी करने से नाखुश था। अतः शादी के दो वर्ष बाद धर्मेन्द्र ने अपनी भाभी रेनू देवी को छोड़ दिया था। जिसको लेकर अदालत में पति पत्नी के बीच मुकदमेबाजी हो गयी। गुस्सायी पत्नी रेनू देवी किराना बाजार चौक निवासी अपने पिता हरिशंकर के पास आ गयी। तबसे वह मायके में ही रह रही थी।
इस बीच धर्मेन्द्र ने कन्नौज में एक युवती से आंख लड़ाई और गुपचुप तरीके से शादी कर ली। यह बात जब परिजनों को पता लगी तो बखेड़ा खड़ा हो गया। लेकिन धर्मेन्द्र पर इस बात का कोई फर्क नहीं था। धर्मेन्द्र की आखिर उस पत्नी के साथ भी काफी दिनों तक नहीं चली और उसकी भी मौत किसी तरह हो चुकी है।
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