उच्च शिक्षा में गोरखधंधे पर यूजीसी की नकेल

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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने उच्च शिक्षा में चल रहे गोरखधंधे को रोकने के लिए विश्वविद्यालयों पर नकेल कस दी है। उसने विश्वविद्यालयों को अपने परिसर से बाहर बगैर अनुमति के ऑफ कैंपस खोलने, स्टडी सेंटर और फ्रेंचाइची के जरिये पाठ्यक्रमों का संचालन करने पर रोक लगा दी है।

यूजीसी ने अभिभावकों से निजी व डीम्ड विश्वविद्यालयों से संबद्ध संस्थानों एवं कॉलेजों, ऑफ कैंपस और स्टडी सेंटर में अपने बच्चों को न पढ़ाने की अपील की है। यूजीसी के सचिव अखिलेश गुप्ता ने बताया कि इन दिनों कई निजी संस्थानों द्वारा डिग्री कोर्स में प्रवेश के लिए दिये जा रहे विज्ञापनों में दावा किया जा रहा है कि वे विधिमान्य विश्वविद्यालयों से संबद्ध हैं।

ऐसे संस्थान यह भी दावा करते हैं कि वे छात्रों को अपने केंद्र में पढ़ाने के साथ ही उनकी परीक्षाओं का आयोजन भी स्थानीय स्तर पर ही करते हैं। केवल पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय द्वारा तय किया जाता है। ऐसा कोई भी प्रयास उच्च शिक्षा की गुणवत्ता के लिए घातक होने के साथ ही इसके लिए तय मानकों का भी उल्लंघन है।

यूजीसी ने नोटिस जारी कर ऐसी गतिविधियों को पूरी तरह अवैध बताया है।

यूजीसी के मुताबिक, किसी भी निजी और डीम्ड विश्वविद्यालय को किसी कॉलेज या इंस्टीट्यूट को संबद्धता प्रदान करने का अधिकार नहीं है जो उसके नाम पर खुद ही डिप्लोमा या डिग्री पाठ्यक्रम का संचालन कर सकें। जहां तक कुछ पाठ्यक्रमों के लिए फ्रेंचाइजी दिए जाने का सवाल है ऐसा अधिकार निजी और सरकारी किसी भी विश्वविद्यालय को नहीं है।

यूजीसी ने यह भी साफ किया है कि केंद्र व राज्य के सरकारी विश्वविद्यालय केवल अपने तय क्षेत्र में विधिमान्य कालेजों को संबद्धता प्रदान कर सकते हैं। यूजीसी ने 2003 में निजी विश्वविद्यालयों को उनके गठन के पांच साल बाद ऑफ कैंपस और स्टडी सेंटर खोलने के लिए अनुमति देने का नियम बनाया था, मगर अब यह नियम समाप्त किया जा चुका है।

इसी तरह डीम्ड विश्वविद्यालयों को भी केवल विज्ञप्ति में दिए गए परिसरों में संचालन का अधिकार मिला है। यूजीसी का दावा है कि उसने किसी भी डीम्ड विश्वविद्यालय को अभी तक स्टडी सेंटर खोलने की अनुमति नहीं प्रदान की है। इसी तरह आयोग ने दूरस्थ शिक्षा के बारे में स्पष्ट किया है कि केवल राज्य व केंद्र के सरकारी विश्वविद्यालयों को ही दूरस्थ शिक्षा का अधिकार दिया गया है। इसके लिए भी उन्हें यूजीसी से पूर्व अनुमति लेना जरूरी है।