मुन्‍ना भाई का गया जमाना: टीईटी में पकड़ी गयी मुन्‍नी बहन, परीक्षा से बाहर

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फर्रुखाबाद: विभिन्‍न परीक्षाओं में आपने मुन्‍ना भाइयों की करतूतें तो बहुत सुनी होंगी, पर अब आगे देखिये इसका ‘मुन्‍नी बहन’ एडीशन। जी हां, शुक्रवार को यहां सम्‍पन्‍न टीईटी परीक्षा में दो महिला परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्रों पर एक ही फोटो देख कर कक्ष निरीक्षक चकरा गये। घटना की सूचना पर पहुंचे एसडीएम व प्रभारी डीआईओएस ने पहुंच कर दोनों परीक्षार्थियों से काफी देर तक माथापच्‍ची की। आखिरकार उनमें से एक को परीक्षा से बाहर का रास्‍ता दिखा दिया गया।
[bannergarden id=”8″]Munni Bahanघटना बद्रीविशाल डिग्री कालेज में हो रही टीईटी परीक्षा के दौरान की है। परीक्षार्थिायों के प्रवेशपत्र की जांच के दौरान कक्ष निरीक्षक कमल किशोर आगे पीछे बैठी दो महिला परीक्षार्थियों रुचिता दीक्षित (रोल नंबर 1921302892)व विनीता दीक्षित (रोल नंबर 1921302891) के प्रेवश पत्रों पर विनीता दीक्षित की ही फोटो देख कर हैरान रह गये। इस समय तक परीक्षार्थियों को कापियां वितरित की जा चुकी थीं, व परीक्षा शुरू हो चुकी थी। कमल किशोर ने आनन फानन में इसकी सूचना प्रभारी डीआईओएस भगवत पटेल व सेक्‍टर मजिस्‍ट्रेट एसडीएम कायमगंज भगवानदीन वर्मा को दी। दोनों अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर जांच पड़ताल की। इंटरनेट पर दोनों परीक्षार्थियों के विषय में जांच की गयी तो पता चला कि नेट पर भी दोनों नामों के आगे एक ही फोटो लगी थी। मजे की बात है कि विनीता दीक्षित पुत्री कमल नाथ त्रिपाठी ने तो अपना आईडी प्रूफ मौके पर प्रस्‍तुत कर दिया परंतु दूसरी अभ्‍यर्थी रुचिता दीक्षित पुत्री प्रेमनाथ दुबे अपनी पहचान का कोई प्रमाण मौके पर नहीं दिखा सकीं। जबकि प्रवेश पत्र पर स्‍पष्‍ट रूप से लिखा था कि अभ्‍यर्थी को अपना आईडी प्रूफ साथ लाना होगा। इसी आधार पर रुचिता दीक्षित को परीक्षा से बाहर कर दिया गया। इस दौरान पूरे समय प्रधानाचार्य भी मामले की सीप-साफ में जुटे नजर आये। काफी पूछने के बावजूद उन्‍होंने इस संभावना के विषय में कुछ नहीं कहा कि कहीं रुचिता का फार्म केवल विनीता की मदद के लिये ही तो नहीं भरवाया गया था। उल्‍टे उन्‍होंने मामला एक असरदार परिवार से संबंधित होने की बात कह कर टाल दिया।
उपजिलाधिकारी कायमगंज भगवानदीन वर्मा ने बताया कि रुचिता दीक्षित के प्रवेश पत्र पर विनीता का फोटो लगा था। उसके पास अपनी पहचान का कोई अन्‍य प्रमाण भी नहीं था। इसी लिये उसे परीक्षा से बाहर करने के निर्देश प्रधानाध्‍यापक को दिये गये थे।

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