सुल्तानपुर की डीएम के. धन लक्ष्मी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सीबीआइ द्वारा शासन से उनसे जुड़ी जानकारियां मागे जाने के बाद यूपीएसआईडीसी में तैनात कई अधिकारियों की चिंता बढ़ गयी है क्योंकि जब के. धन लक्ष्मी यूपीएसआईडीसी में संयुक्त प्रबंध निदेशक के पद पर तैनात थीं तो ट्रोनिका सिटी में करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ था और इस घोटाले में तत्कालीन प्रबंध निदेशक चंचल तिवारी के साथ उनके विरुद्ध भी एसआईटी ने मुकदमा दर्ज किया था।
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यूपीएसआईडीसी में वर्ष 2005 से 2007 के बीच तैनात रहीं के. धन लक्ष्मी कई महीने तक प्रभारी प्रबंध निदेशक भी रहीं। उन्होंने मुख्य अभियंता अरुण मिश्रा समेत कई अभियंताओं और अधिकारियों के अधिकारों में बढ़ोत्तरी कर दी थी। इसके बाद ट्रोनिका सिटी गाजियाबाद और सूरजपुर में करोड़ो रुपये के घोटाले हुए। यहां मनमाने तरीके से भूखंडों का आवंटन किया गया और एक दर्जन से अधिक ठेकेदारों को बिना काम के ही भुगतान कर दिया गया था। के.धन लक्ष्मी के विरुद्ध दो मुकदमे हुए थे। आय से अधिक मामले में के. धन लक्ष्मी के विरुद्ध जांच कर रही सीबीआइ के डिप्टी एसपी सुरेंद्र मलिक ने वह जहां-जहां तैनात रहीं वहां से उनके सरकारी फोन, मोबाइल फोन, वाहनों के बिल का भुगतान, लैपटाप का स्टेटमेंट, फार्म 16 ए के आयकर विवरण की मूल प्रति, उनके व परिवार के मेडिकल बिल का विवरण और मोबाइल फोन की कॉल डिटेल मांगी है। इसकी सूचना गुरुवार को आने पर यूपीएसआईडीसी में तैनात उनके कुछ खास अधिकारियों की पेशानी पर भी बल पड़ गया क्योंकि कॉल डिटेल मिलने के बाद उनके खास अधिकारियों से भी सीबीआइ पूछताछ कर सकती है।