उत्तराखंड: हेलीकॉप्टर क्रैश में 19 लोगों की मौत की आशंका

Uncategorized

Helicoptorदेहरादून। उत्तराखंड में राहत और बचाव कार्य में लगा सेना का एमआई-17 हेलीकॉप्टर मंगलवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें सेना के पांच अधिकारी, चार एनडीआरएफ जवान, दो पायलट और दो स्पोर्टिग स्टाफ सहित 19 लोग सवार थे। आशंका जताई जा रही है कि किसी का भी बचना मुश्किल है। प्रमुख सचिव उमाकांत पंवार की ओर से आठ लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। हेलीकॉप्टर केदारनाथ से लौटते समय गौरीकुंड क्षेत्र के आसपास दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

हादसे में एनडीआरएफ के एक टूआईसी की भी मौत हो गई है। इस हेलीकॉप्टर में हादसे के समय नौ एनडीआरएफ के, छह आईटीबीपी के और चार आईटीबीपी के लोग इस हेलीकॉप्टर में मौजूद थे। यह हादसा गौरीकुंड में हुआ। सूचना के अनुसार हेलीकॉप्टर केदारनाथ से लौट रहा था।

आपदा प्रभावित कई इलाकों में सोमवार रात से हो रही लगातार बारिश के कारण राहत और बचाव कार्य प्रभावित हो रहा है। कई जिलों में बादल फटने और भूस्खलन से मार्ग अवरुद्ध होने की खबरें हैं।

टिहरी जिले के देवप्रयाग में बादल फटने से एक महिला और बच्चे की मौत हो गई, जबकि पौड़ी जिले के पैठाणी में भी बादल फटने और जमीन में धंसने से कई मार्ग बंद कर दिए गए हैं। देवप्रयाग में जमीन धंसने और भूस्खलन से सड़कें भी काफी क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिसके चलते ऋषिकेश-देवप्रयाग मार्ग बंद कर दिया गया है। बदरीनाथ व केदारनाथ हाईवे के साथ ही गंगोत्री व यमुनोत्री हाईवे भी बंद कर दिया गया है। मौसम के बदलते मिजाज को देखते हुए हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पा रहे हैं।

मौसम खराब होने के कारण चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग में हवाई रेस्क्यू अभियान भी तीन घंटे बाद ही शुरू हुआ। उत्तरकाशी जनपद में गंगोत्री हाईवे कई स्थानों पर मलबा आने से अवरुद्ध हो गया है। इससे ऋषिकेश गंगोत्री मार्ग बंद पड़ा है। वहीं, यमुनोत्री मार्ग विकासनगर से लेकर हनुमान चंट्टी तक खोल दिया गया। आगे यमुनोत्री तक पांच किलोमीटर तक मार्ग अवरुद्ध है। ऋषिकेश बदरीनाथ हाईवे कई स्थानों पर बंद है। इससे इन रास्तों पर फंसे लोगों की मुसीबत बढ़ गई।
आइटीबीबी व एनडीआरएफ (नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स) के जवान गौरीकुंड से केदारनाथ के पैदल मार्ग पर जंगलचट्टी से आगे कांबिंग ऑपरेशन चला रहे हैं। कुछ साधुओं को बचाने जाने की सूचना है।

भूस्खलन से रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड मार्ग अभी भी कई स्थानों पर बंद है। चमोली जनपद में सुबह से ही मौसम खराब था। करीब साढ़े दज बजे मौसम साफ होने पर बदरीनाथ के लिए सेना के हेलीकाप्टर ने उड़ान भरी। बदरीनाथ में अभी भी करीब साढ़े सात हजार लोगों के होने की सूचना है। कई लोगों को पैदल ही सुरक्षित जोशीमठ तक पहुंचाया जा रहा है।

[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]
इधर, जोशीमठ में भी हेलीकॉप्टर ने देरी से उड़ान भरी। केदारनाथ के बाद अब सेना बदरीनाथ और हर्षिल में राहत कार्य चलाने पर फोकस कर रही है। यहां हेलीकॉप्टर से बचाव अभियान जारी है। तीन हेलीकॉप्टर 40 लोगों को निकाला गया है। वहीं, केदारनाथ में आज सामूहिक दाह संस्कार पर संशय बना हुआ है। मौसम खराब होने के कारण अभी तक हेलीकॉप्टर से लकड़ियां नहीं पहुंचाई जा सकी हैं।

सरकार ने नगर निगम की मदद से मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए 50 टन लकड़ी और कई क्विंटल घी का इंतजाम किया है। बचाव अभियान के बीच, दसवें दिन अब मृतकों का पूरी रीति-रिवाजों के साथ दाह संस्कार करना सेना के लिए एक बड़ी चुनौती है।