फर्रुखाबाद: वैसे तो लोकतंत्र में सदन की परिभाषा में केवल सदस्य होने का महत्त्व होता है मगर इससे भी निचले स्तर के तापमान का आभास तब होता है जब कहा जाता है कि बसपाई अध्यक्ष से सपाई सभासद शपथ नहीं लेंगे और भाजपाई को को लेने नहीं देंगे| मामला उत्तर प्रदेश के उस विभाग का है जिसके वजीर ने आगरा में भाजपाई अध्यक्ष की शिकायत पर कमिश्नर हटा दिया| उसी स्थानीय निकाय की नगरपालिका फर्रुखाबाद में ये दिन भी उसी वजीर मो आजम खान के कार्यकाल में लिखा जायेगा जब नामित हुए सभासदों ने एक नामित सभासद पर भाजपाई होने का आरोप लगाकर शपथ नहीं लेने दी|
फर्रुखाबाद नगरपालिका में आखिरकार नियमो की मजबूरी के चलते सपा के नामित सभासदों को वर्तमान अध्यक्ष वत्सला अग्रवाल से ही शपथ लेनी पड़ी| इस पुरजोर के विरोध के वाद भी कि वत्सला बसपाई है| शपथ ग्रहण शुरू होने से पहले ही ये आरोप एक बार फिर नए नामित सभासद रवि शरण ने लगाया| मगर नियमो के अनुसार शपथ अध्यक्ष ही दिलाता है विरोध नहीं चला और जनता में किरकिरी हो गयी|
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नगरपालिका सभा कक्ष में शपथ ग्रहण समारोह शुरू होने से पहले ही हंगामा हो गया तो तय था| सभासदों के साथ आई सपाइयो की भीड़ ने बैठने के लिए स्थान माँगा जो कम पड़ गया| लिहाजा कुर्सिओ पर बैठने का अरमान बैठक के बाद पूरा हुआ| चार सभासद ही शपथ ले सके पांचवे सभासद विजय शंकर दुबे पर सपाइयो ने भाजपाई होने का रोप जड़ शपथ ही नहीं लेने दी| विजय शंकर बाद में शपथ लेंगे| हालाँकि सम्भावना ये भी है कि सपाई विजय शंकर का मनोनयन ही रद्द कराने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे|
बैठक में एमएलसी मनोज अग्रवाल ने भी मामले को शांत कराने की बहुत कोशिश की| मगर हंगामा इस कदर वरपा की अध्यक्ष और विधायक दोनों ने सदन छोड़ घर जाना ही मुनासिब समझा|