नहीं कटेगी सचिन यादव की टिकेट

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Sachin Yadavभोला सुबह सुबह चाय की चुस्कियो के साथ अख़बार बांच रहा था कि अचानक चीखता हुआ बोला – साआसले खामोखां का हल्ला मचाये है| सचिव भैया की टिकेट के पीछे पड़ गए है| खुद तो कुछ उखाड़ के आज तक इकट्ठी नहीं कर पाए और अच्छे खासे नौजवान के पीछे पड़ गए| देखना दद्दू सचिन की टिकेट नहीं कटेगी| दद्दू बोले जे सारे कुछ विरोधियाँ की चाल है पर कामयाब नहीं होगी| और सचिन से अच्छा लड़ कौन पायेगा?

ददू ने तेल की शीशी खोल अपने घुटने पर लगाया और भोला से रगड़ने को कहा| घुटने का दर्द पुरवैया चलने के साथ ही उभर आता है और ददू को पुरानी यादे ताजा होने लगती है| जमाना था जब बाबू जी (राजेंद्र सिंह) चुनाव लड़ा करते थे| एक बार एलान कर दिया फिर किसकी मजाल जो इधर उधर की बाते करे| और कम से कम बिरादरी में तो कोई विरोध नहीं होता था| अब कल कल के लरिका आई गए पार्टी में| बोला कल भौ का डाक बंगला में? दद्दू ने भोला से सवाल किया|
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भौ का दद्दू विधायिका जी को रचो भौ सब सुआंग है| खुद तौ जीत नहीं पायी बाबू जी के पीछे परिगी| संग में चार कार्यकर्ता नाही है मगर लखनऊ तक चुगली करिऔती| एक खान और दूसरे गुप्ता| तीन चार चमचे है| कमी विधायक जी में भी है धर के हुक दे एक बार फिर नाइ बुलाइए कोई| लेकिन बे तो भोले बाबा बने राहत| सचिन भैया की टिकेट कटनी होती तो तबाही जाती जब वो लड्किनी वालो मामला उठो थो| चारो तरफ क्षेत्र बनाकर लाखो रुपया फूक दौ| एक एक मीटिंग हजारन की पत्त है|

ददू ने बात बीच में काटी- मगर बू रामेश्वर भी तो पाछू पारो है| भोला बोला कोई पीछे परे लव की टिकेट नाही काटिए| फर्रुखाबाद में लोग जानए का सचिब भैया की लखनऊ की ऊपर तक पहुच है| मगर जू अलोक शाक्य का कन्न आओ थो? दद्दू ने बात बढ़ाई| वे का करिए उनकी तो पहले ही भद्द पिट चुकी है| संकिसा वाले मामले में झेल चुके है| भोला ने ददू की पपरिया में तेल लगाके पट्टी बाँधी और मोबाइल पर फेसबुक खोल चालू हो गया- नहीं कटेगी सचिन की टिकेट|