जांच चलने तक नहीं होगी पूर्व मंत्री की गिरफ्तारी

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rakesh tripathiलखनऊ : इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने पूर्व बसपा मंत्री राकेश धर त्रिपाठी की याचिका को राज्य सरकार के गिरफ्तारी न किए जाने के आश्वासन पर निस्तारित कर दी है। राज्य सरकार की ओर से दो विशेष अधिवक्ताओं ने पीठ को बताया कि जब तक सतर्कता विभाग जांच कर रहा है तब तक फिलहाल गिरफ्तारी की कार्रवाई हो ही नहीं सकती। इस आधार पर याचिका पोषणीय नहीं है।

न्यायमूर्ति एसएन शुक्ला व न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी की पीठ ने याची डॉ. राकेश धर त्रिपाठी की ओर से दायर याचिका को अंतिम रूप से निस्तारित किया है। पिछली सुनवाई पर याचिका का कड़ा विरोध करते हुए मुख्य स्थाई अधिवक्ता आइबी सिंह ने कहा था कि याचिका पोषणीय नहीं है तथा याची को सुनवाई व सफाई पेश करने का पूरा मौका दिया जा चुका है। शुक्रवार को राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आइबी सिंह व गोपाल चतुर्वेदी विशेष अधिवक्ता के रूप में पीठ में उपस्थित हुए और राज्य सरकार का पक्ष रखा। सुनवाई के समय वरिष्ठ अधिवक्ता ने पीठ को बताया कि अभी अभियोजन स्वीकृति ही नहीं दी गई है। सतर्कता विभाग की जांच अभी जारी है ऐसे में जांच पूरी होने तक गिरफ्तारी आदि का कोई प्रश्न ही नहीं उठता। यह भी बताया कि विगत 40 वर्षो से कोई ऐसा प्रकरण नहीं आया कि जांच लंबित रहने के दौरान ही सतर्कता विभाग ने किसी की गिरफ्तारी की हो। इन परिस्थितियों में याचिका पोषणीय नहीं है।

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सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से उपस्थित विशेष अधिवक्ताओं के आश्वासन का जिक्र करते हुए पीठ ने कहा है कि याची को पर्याप्त मौका दिया जाए जिससे वह जांच में सहयोग कर सके तथा अपना पक्ष भी प्रस्तुत कर सके। सुनवाई के दौरान यह भी बताया गया कि याची पूर्व मंत्री के खिलाफ इलाहाबाद के मुठ्ठीगंज थाने में 16 जून को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआइआर दर्ज कराई जा चुकी है। इस मामले की जांच सतर्कता अधिष्ठान कर रहा है।

याचिका प्रस्तुत कर याची ने मुकदमा दर्ज कराने की शासन की अनुमति को चुनौती दी है। कहा गया कि याची को सुनवाई का मौका दिए बगैर सारी कार्रवाई की जा रही है। यह भी आरोप लगाया गया कि राजनीतिक दुर्भावना वश याची के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।