FARRUKHABAD : आमतौर पर लूट, हत्या, चेन स्नेचिंग की बारदातें तो क्या बड़ी बड़ी घटनाओ के खुलासे तब तक नहीं कर पाती जब तक उनके पास नाम दर्ज रिपोर्ट न हो| और यदि पुलिस खुलासा करती भी है तो कहीं का अपराधी, कहीं की घटना और कहीं के असलहे किसी पर लगाकर घटना का खुलासा कर दिया जाता है। जिससे वास्तविक अपराधी पुलिस गिरफ्त से बच जाते हैं। यहां तो मामला और भी मजेदार है। यहां तो पुलिस ने घटना से पूर्व ही उठा लिये गये आरोपियों को मुल्जिम बनाकर अपनी पीठ स्वयं थपथपा ली है।
मंगलवार को फर्रुखाबाद की पुलिस ने चार युवकों को गिरफ्तार दिखाया। पुलिस ने इन युवको पर पर दो चेन स्नेचिंग की घटनायें व एक बाइक चोरी की घटनाओं का खुलासा कर पुलिस अधीक्षक से प्रेस वार्ता भी करा दी। पुलिस अधीक्षक ने भी मातहतों की पीठ थपथपाते हुए ढाई हजार रुपये का इनाम भी लेने में कामयाब हो गए|
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पुलिस अधीक्षक द्वारा किये गये खुलासे के अनुसार चेन स्नेचिंग व बाइक लूट का मास्टरमाइण्ड मुन्नू उर्फ मदनलाल पुत्र सुरेशचन्द्र निवासी पृथ्वीदरवाजा, मनवीर उर्फ डब्लू के ग्राम जौरा स्थित करौंदे व बेल के बाग में अपने साथियों के साथ लूट की योजना बना रहा था। तभी सूचना पाकर पुलिस ने दबिश दी तो मौके पर चार अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया व दो मौके से फरार हो गये। जिनमें मुन्नू उर्फ मदनलाल के पास से एक 12 बोर तमंचा, दो कारतूस के साथ ही लूटी गयी पल्सर बाइक, चेन लूट के 5650 रुपये भी बरामद किये गये। रामवीर से एक तमंचा 315 बोर, दो कारतूस, चोरी की दो बाइकें अपाचे व टीवीएस व चैन लूट के बटवारे में मिले 4705 रुपये, अर्जुन से एक मोटरसाइकिल पल्सर, चेन लूट के 4870 रुपये, राममोहन से एक मोटरसाइकिल प्लेटिना व चेन लूट के 4925 रुपये बरामद किये गये।
कायमगंज के मोहल्ला पृथ्वीदरवाजा निवासी उद्योगपति बीरेन्द्र अग्रवाल की पत्नी ममता अग्रवाल एवं गंगादरवाजा की सुनीता गुप्ता की चैन लूट के साथ ही कम्पिल निवासी महेशचन्द्र शाक्य की बाइक एवं नकदी तथा मोबाइल लूट काण्ड जैसी बारदातों का खुलाशा करने का दावा करने वाली पुलिस भले ही इसे अपना गुडवर्क बतारही है किन्तु उसकी इस कहानी के पीछे ऐसे प्रश्न उठ रहे हैं जो लोगों के गले नहीं उतर रहे हैं। जिस मदनलाल उर्फ मन्नू बाल्मीक पुत्र सुरेशचन्द्र निवासी पृथ्वीदरवाजा कायमगंज को तीन अन्य अभियुक्तों रामवीर, अर्जुन, राममोहन केसाथ जौरा गांव के करौंदा व बेल के बाग से गिरफ्तार करना दिखा रही है और उसके पास से चैन लूट बिक्री, बंटवारा के छप्पन सौ पचास रूपये तथा रामवीर केपास से सैतालीस सौ पांच रूपये की बरामदगी भी दिखा रही है। ज्ञात हो कि मदनलाल के पिता ने दो दर्जन से भी अधिक महिला एवं पुरूषों के साथ कायमगंज तहसील दिवस में पहुंच कर जिलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक को लिखित प्रार्थनापत्र देकर गुहार लगायी थी कि उसके लड़के को कोतवाली पुलिस पिछले तीन चार दिन पहले 15 जून को सांयकाल उसकेघर से उठा ले गयी है उन्हें आशंका थी कि पुलिस मेरे लड़के को किसी झूठे मामले में फंसा देगी। प्रश्न यह है कि जब मदनलाल कई दिन पहले से पुलिस की गिरफ्त में था तो फिर जौरा वाली बगिया में कैसे पहुंचा। वहीं पुलिस ने लूट वाली चैनों की बिक्री की रकम की बरामदगी इन अभियुक्तों से होना दिखायी है तो फिर लूटी गयी चैनों को इन लोगों ने किस सर्राफा दुकानदार या अन्य को बेचा, क्या पुलिस ने इस बात का पता लगाना जरूरी नहीं समझा। आखिर अपराधियों से लूटे गये माल की खरीददारी करना भी तो कानूनन अपराध है।
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