FARRUKHABAD : नरौरा बांध से छोड़े गये लाखों क्यूसेक पानी से अभी 24 घंटे भी व्यतीत नहीं हुए थे, कि तबाही मचानी शुरू कर दी है। बीते दिन गंगा नदी का जल स्तर 135 मीटर पर था जो बढ़कर 136 पर पहुंच चुका है। वहीं गंगा दशहरा के उपलक्ष में रोजी रोटी की तलाश में गंगा तट पर दुकाने लगाये दुकानदारों की दुकानें रात में जल स्तर बढ़ने से बह गयीं। प्रशासन की मदद से दुकानदार बमुस्किल सामान को ही बचा सके।
गंगा नदी ने एक बार फिर तबाही मचाने के साथ ही बीते वर्षों की यादें ताजा करनी शुरू कर दी है। बीते वर्षों की भांति इस वर्ष समय से पहले ही नरौरा व बिजनौर से अत्यधिक पानी छोड़े जाने से गंगा का जल स्तर एकाएक बढ़ गया। जिससे हजारों बीघा जमीन में गंगा का पानी भरने से फसलें नष्ट हो गयीं। गंगा नदी के किनारे ग्रामीणों द्वारा तैयार की गयी रेती की फसल लौका, लौकी, तरबूज, खरबूजा इत्यादि की फसलें भी गंगा में समा गयीं। जिससे लोगों को लाखों रुपये का नुकसान हो गया। ग्रामीण क्षेत्रों में पूरी जमीन में पानी भर जाने से लोगों के पास पशुओ के चारे तक का संकट आने वाला है। जिससे अभी से ही गंगा तटवर्ती इलाके के ग्रामीण अपनी रिश्तेदारियों इत्यादि में पलायन शुरू कर दिया है।
गंगा में बीते दिन से ही जल स्तर काफी तेजी से बढ़ रहा था, जिसको लेकर प्रशासन भी सतर्क हो गया था। लेकिन फिर भी गंगा दशहरा पर अच्छी कमाई की आस लगाये दुकानदारों ने अपनी दुकानें गंगा के किनारे लगा लीं। लेकिन रात लगभग एक बजे गंगा का जल स्तर एकाएक लगभग एक मीटर तक बढ़ गया। जिससे गंगा के किनारे लगी दुकानें गंगा में समा गयीं। प्रशासन ने जैसे तैसे कुछ दुकानदारों के सामान को बचा पाया।
बुधवार को गंगा दशहरा में हुई श्रद्धालुओ की भीड़ को देखते हुए प्रशासनिक अधिकारी क्षेत्राधिकारी नगर योगेन्द्र कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट प्रभुनाथ, अपर पुलिस अधीक्षक के अलावा भारी पुलिस फोर्स तैनात रहा। गंगा का जल स्तर लगातार बढ़ने से श्रद्धालु गंगा के किनारे पर ही गंदे पानी में नहाते रहे। किसी ज्यादा गहराई में घुसने की हिम्मत नहीं जुटायी। वहीं शमसाबाद से ढाईघाट जाने वाले मार्ग पर पुलिया का निर्माण न होने से गंगा भक्तों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।