नई दिल्ली। उत्तराखंड धीरे-धीरे बाढ़ के अब तक के सबसे बड़े कहर की चपेट में आ गया है। केदारनाथ से लौट रहे चश्मदीदों के मुताबिक वहां जबरदस्त तबाही हुई है। इस बार बादल फटने से हुई जबरदस्त बारिश का कहर केदारनाथ पर टूटा है।
हाल ये है कि केदारनाथ के पास रामबाड़ा बाजार पूरी तरह बह गया है। केदारनाथ मंदिर का मुख्य द्वार भी पानी के तेज बहाव की चपेट में आने से बह गया है। हेलीकॉप्टर से ली गई फोटो में साफ दिख रहा है कि केदारनाथ में अब सिर्फ मुख्य़ मंदिर की इमारत बची है वो भी आधी मलबे में डूबी हुई है। आसपास सबकुछ तबाह हो गया है।
नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने बताया कि केदारनाथ में गांधी सरोवर मलबे में तब्दील हो गया है। 5 हजार खच्चर और उनके इतने ही मालिकों का अतापता नहीं है। केदारनाथ मंदिर टेढ़ा हो गया है। खुद एसडीएम घायल हैं। उन्हें जोशी मठ लाया गया है। गौरी कुंड वीरान हो गया है। वहां कुछ नहीं पहचाना जा सकता। गांधीताल तूट गया है।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि लोग सो रहे थे, कुछ पूजा कर रहे थे, घूम रहे थे तभी अचानक बहुत भारी मात्रा में पीछे से पत्थर, मलबा, पानी आया। ये इतनी तेजी से आया कि कोई कुछ समझ पाता उससे पहले ही वे मलबे की चपेट में आ गए। ये मलबा बीच-बाजार से गुजरा। सिर्फ मंदिर दिख रहा है बाकी पीछे के होटल, लॉज, मंदिर का मुख्य द्वार सब पानी में बह गए। कई लोग मलबे के नीचे दबे और उनके बचने की कोई संभावना नहीं लगती।
एक प्रत्य़क्षदर्शी ने बताया कि केदारनाथ एक श्मशान घाट में बदल गया है। मंदिर के आसपास लाशें पड़ी हैं। मंदिर के आसपास का बाजार, दुकान, घर, होटल सब तबाह हो गई हैं। वहां अब कुछ नहीं बचा है। हेलीकॉप्टर के जरिए जिन लोगों को बचाकर लाया जा रहा है वो रो रहे हैं क्योंकि किसी के मां-बाप नहीं हैं तो किसी के बच्चे। नुकसान का सिर्फ अंदाजा लगाया जा सकता है।
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चश्मदीदों का दावा है कि केदारनाथ मंदिर के अलावा यहां कुछ नहीं बचा है। केदारनाथ में हुई तबाही का आकलन अभी तक नहीं किया जा सका है। केदारनाथ के बाद गौरीकुंड में भी भारी तबाही हुई है। केदारनाथ, गौरीकुंड और रामबाड़ा में जान-माल का कितना नुकसान हुआ है। इसका अंदाजा भले ही अभी नहीं लग पाया हो लेकिन यहां भारी तबाही हुई है। इससे कोई इनकार नहीं कर सकता।