मध्य प्रदेश में एक बार फिर सामूहिक विवाह के दौरान हुए प्रेगनेंसी टेस्ट में सात महिलाओं के गर्भवती पाए जाने पर उन्हें विवाह करने से रोक दिया गया।
डिंडोरी जिले के बेजाग में राज्य सरकार की मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया था। इस विवाह में लगभग 100 जोड़े शामिल थे। यहां शादी कर रहीं महिलाओं को प्रेगनेंसी टेस्ट के लिए ले जाया गया और गर्भवती पाए जाने पर उन्हें विवाह नहीं करने दिया गया।
पहले भी हुआ था प्रेगनेंसी टेस्ट
लगभग एक हफ्ते पहले मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल जिले बैतूल में भी सामूहिक विवाह के दौरान युवतियों के प्रेगनेंसी टेस्ट करने का मामला सामने आया था।
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इसे लेकर विपक्ष और सामाजिक संगठनों ने शिवराज सिंह चौहान सरकार की कड़ी आलोचना की थी। जिला प्रशासन ने मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया था। मामले में जांच के बाद किसी भी महिला के गर्भवती न होने की बात सामने आई है।
शादीशुदा के लिए नहीं योजना
मेडिकल ऑफिसर आर एन मित्रा ने सामूहिक विवाह के दौरान महिलाओं का प्रेगनेंसी टेस्ट होने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि यह योजना केवल कुंवारी लड़कियों के लिए है, शादीशुदा के लिए नहीं।
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इस पर डिंडोरी के कलेक्टर का कहना है कि उन्हें लड़कियों की उम्र की जांच किए जाने की जानकारी दी गई थी। वहीं, डिंडोरी के विधायक ओंकार सिंह मरकाम का कहना है कि यह महिलाओं का अपमान है और वे इस मसले का सरकार के सामने उठाएंगे।