यूपी: हाईकोर्ट ने अफसर को दी एक अनोखी सजा

Uncategorized

3july2010courtउत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में शिवकुटी स्थित राजकीय बाल गृह (शिशु) की बदहाली पर एक बार फिर हाईकोर्ट के तेवर कड़े हैं। मगर इस बार कोर्ट ने लापरवाह अधिकारियों को सुधारने के लिए कुछ अलग ही तरीका निकाला है।

शिशु गृह की व्यवस्था के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार जिला प्रोबेशन अधिकारी पुनीत मिश्रा को न्यायालय ने एक सप्ताह शिशुगृह में ही बिताने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि अधिकारी जब तक खुद तकलीफ नहीं झेलेंगे, तब तक बच्चों का दर्द नहीं समझ सकते हैं। इससे पूर्व जिलाधिकारी राजशेखर ने शिशुगृह पर प्रभारी डीएम की रिपोर्ट सौंपी।

[bannergarden id=”8″]
विधि छात्रा आकांक्षा तिवारी और अन्य की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति अरुण टंडन और न्यायमूर्ति विपिन सिन्हा की खंडपीठ ने डीएम को फटकार लगाते हुए कहा कि साल भर में कितनी बार उन्होंने शिशुगृह का औचक निरीक्षण किया है।

वहां की तस्वीरें हालात बयां कर रही हैं। दो कमरों में 36 बच्चों को ठूंस कर रखा गया है क्या आप इस हालत में वहां रह सकते हैं। कोर्ट ने पूर्व के आदेश के बावजूद शिशुगृह को दूसरी जगह स्थानांतरित नहीं करने पर अधिकारियों को फटकार लगाई। बच्चों के मेडिकल कार्ड और एचआईवी पीड़ित बच्चों के इलाज की सुविधा पर भी जानकारी मांगी।

[bannergarden id=”11″]
इसके साथ ही कोर्ट ने शिशुगृह में योग्य शिक्षकों की तैनाती और उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। मामले में कोर्ट ने डीएम को शिशुगृह पर विस्तृत रिपोर्ट 19 जून को न्यायालय में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।