पंजाब के संगरूर में अदालत के नोटिस के डर से पुलिस वालों ने डेढ़ लाख के नकली नोट छाप कोर्ट में पेश कर दिए और उन्हें खुर्द-बुर्द कर दिया। शिकायत पर हुई जांच के बाद मंडी अहमदगढ़ के पुलिस थाने के मुख्य थानेदार, मुंशी और एक हवलदार सहित चार लोगों को नामजद किया गया है।आरोपी थानेदार और दोनों हवलदारों को निलंबित कर दिया गया है और मामले की जांच डीएसपी (आर) संगरूर गुरप्रीत सिंह को सौंप दी गई है।
2007 में मंडी अहमदगढ़ पुलिस ने जाली करेंसी छापने के गोरखधंधे का पर्दाफाश किया था और उस समय पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपियों के कब्जे से करीब डेढ़ लाख रुपये की नकली करेंसी बरामद की गई थी।मामले का चालान संगरूर जिला कोर्ट में पेश किया गया। इसके बाद अदालत ने कई बार अहमदगढ़ पुलिस को नोटिस जारी करके बरामद हुई नकली करेंसी अदालत में पेश करने को कहा, लेकिन पुलिस करेंसी कोर्ट में पेश नहीं कर रही थी।
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इसके बाद थाना सदर को हाईवे पर स्थित गांव जंडाली में शिफ्ट कर दिया गया। नोटिस से परेशान थाने के एसएचओ जरनैल सिंह, मुंशी तेजा सिंह और नायब कोर्ट बलविंदर राय ने योजना तैयार करके अहमदगढ़ के प्रिंटिंग प्रेस से जुड़े अमित कुमार की मदद ली और एक लाख 41 हजार रुपये के नकली नोट छपवाकर 25 मई को अदालत में पेश कर दिए।
इसके बाद मामले का खुलासा होने के भय से उन्होंने यह करेंसी खुर्द-बुर्द भी कर दी।इसके बाद एक शिकायत के आधार पर दर्ज हुई एफआईआर पर डीएसपी अमरगढ़ सुखदेव सिंह विर्क ने मामले की जांच शुरू की। दस दिन की जांच के बाद चारों आरोपियों के खिलाफ धारा 409, 489 (ए), 489 (सी), 201, 34 आईपीसी का केस दर्ज किया गया है।
डीएसपी अमरगढ़ सुखदेव सिंह विर्क ने बुधवार सुबह पत्रकारों को बताया कि मामले में शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए उच्च स्तरीय जांच की जा रही है।