लखनऊ, फर्रुखाबाद, बनारस और गाजियाबाद में सीएम अखिलेश यादव ने 36000 इंटरमीडिएट पास छात्रों में लैपटॉप बांटते समय कहा कि उनकी सरकार ने हर वायदा पूरा किया है, यही कारण है कि आज विरोधियों के मुंह बंद हो चुके हैं। लेकिन अखिलेश यादव शायद ये भूल गए कि लैपटॉप की ही तरह हाईस्कूल छात्रों को टैबलेट बांटने की योजना साल भर पूरा करने की बाद भी सरकार शुरू नहीं कर सकी है।
इस साल का हाईस्कूल रिजल्ट आने को है और अब सरकार पर 50 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स को टैबलेट बांटने का भारी दबाव बढ़ गया है। स्थिति ये है कि अभी तक टैबलेट देने के लिए टेंडर ही नहीं हो सका है।
सूत्रों के अनुसार सरकार ने अफसरों को कहा है कि महीने भर अंदर प्रक्रिया पूरी करें लेकिन जानकार मानते हैं कि 10 जून को होने वाले टेंडर की प्रक्रिया पूरी होते-होते कम से कम दो महीने का समय लग जाएगा और उसके बाद भी सरकार कितनी भी तेजी दिखा लें अगले साल से पहले तक इन 50 लाख स्टूडेंट्स को टैबलेट नहीं मिलने वाला।
दरअसल हाईस्कूल पास स्टूडेंट्स को टैबलेट और इंटरमीडिएट पास स्टूडेंट को लैपटाप बांटने का निर्णय 2012 में बनी सपा सरकार की पहली ही ही कैबिनेट बैठक में हो गया था। लेकिन लैपटाप खरीदते-खरीदते 9 महीने बीत गए। किसी तरह लैपटॉप योजना शुरू हुई, लेकिन टैबलेट सरकार के लिए समस्या बना रहा।
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टैबलेट टेंडर में हिस्सा लेने वाली कंपनी को पहले टेक्निकल बिड पास करनी होती है। इस बिड में कंपनी को सैंपल टैबलेट जमा करना होता है, जिसकी करीब महीने भर टेस्टिंग होती है। टेस्टिंग पास होने के बाद ही कामर्शियल बिड ओपेन की जाती है और जो कंपनी नियमों पर खरा उतरती है, उसे टेंडर दिया जाता है। लेकिन टैबलेट के लिए जो टेंडर हुआ, उसमें टेक्निकल बिड में सिर्फ एक ही कंपनी एचसीएल अपना टैबलेट जमा कर सकी। आखिरकार सरकार को टेंडर कैंसिल करना पड़ा। अब नए टेंडर की तारीख 10 जून रखी गई है।
सूत्रों के अनुसार 10 जून को होने वाले टेंडर के लिए सरकार की तरफ से अफसरों को कड़े निर्देश दिए गए हैं, किसी भी तरह प्रक्रिया पूरी करें, ताकि टैबलेट बांटे जा सकें। वहीं जानकार मानते हैं कि जून में होने वाली इस टेंडर प्रक्रिया में अगर कोई रुकावट नहीं भी आई तो भी इसे पूरा होने में कम से कम दो महीने का समय लग जाएगा। जाहिर है अगर अगस्त से भी टैबलेट बांटना हुआ तो भी 50 लाख स्टूडेंट्स को लैपटॉप बांटते-बांटते साल बीत जाएगा। वहीं 2014 में आम चुनाव होने हैं, लिहाजा सरकार पर दबाव बना हुआ है कि इन स्टूडेंटस को चुनाव अधिसूचना जारी होने से पहले टैबलेट बांट दिए जाए।
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यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड के एमडी प्रभात मित्तल मामले में कहते हैं कि पिछले टेंडर में टेक्निकल बिड में सिर्फ एक ही कंपनी ने हिस्सा लिया था, जिसकी वजह से टेंडर कैंसिल करना पड़ गया। अब 10 जून को टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। टैबलेट कब बंटने शुरू होंगे, यह टेंडर फाइनल होने के बाद ही बताया जा सकता है। शिक्षा विभाग के एक अफसर के अनुसार टैबलेट कब बंटेगा यह कहना अभी मुश्किल है क्योंकि टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी कई तरह की औपचारिकताएं पूरी करनी होती हैं।