स्पॉट फिक्सिंग में अपने दामाद गुरुनाथ मयप्पन के फंसने के बावजूद इस्तीफा नहीं देने पर अड़े बीसीसीआई चीफ एन श्रीनिवासन अब कुछ शर्तों के साथ पद छोड़ने पर राजी हो गए हैं।
अपने सेनापतियों के साथ छोड़ने के बाद बोर्ड में अलग-थलग पड़े श्रीनिवासन ने चेन्नई में आज रविवार को बीसीसीआई वर्किंग कमेटी की आपातकालीन बैठक बुलाई है। सूत्रों के मुताबिक वह बैठक में पद छोड़ने की घोषणा कर सकते हैं। श्रीनिवासन पद छोड़ने पर राजी हो गए हैं लेकिन उन्होंने अपनी चार शर्तें भी रखी हैं।
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बोर्ड के सचिव संजय जगदाले, कोषाध्यक्ष अजय शिरके और आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला के इस्तीफों के बाद श्रीनिवासन पर पद छोड़ने का भारी दबाव है। हालांकि संयुक्त सचिव अनुराग ठाकुर और पांचों उपाध्यक्षों अरुण जेटली (उत्तरी), निरंजन शाह (पश्चिमी), सुधीर दबीर (मध्य), शिवलाल यादव (दक्षिणी) और चितरक मित्रा ने अभी इस्तीफा नहीं दिया है। लेकिन चर्चा है कि यदि श्रीनिवासन ने इस्तीफा देने में हीलाहवाली की तो ये छहों भी इस्तीफा दे सकते हैं।
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बढ़ते दबाव का ही नतीजा है कि आगामी शनिवार को होने वाली वर्किंग कमेटी की बैठक को तुरत-फुरत में रविवार को बुलाया गया है। यह आपात बैठक दोपहर करीब ढाई बजे से चेन्नई में शुरू होगी जिसमें बोर्ड के सदस्य श्रीनिवासन के खिलाफ सीधे-सीधे मोर्चा खोल सकते हैं। श्रीनिवासन की विदाई का संकेत देते हुए बीसीसीआई उपाध्यक्ष अरुण जेटली और संयुक्त सचिव अनुराग ठाकुर ने शनिवार को बताया कि 24 घंटे के भीतर लोगों को बड़ी खबर सुनने को मिलेगी।
राजीव शुक्ला ने भी कहा कि एक दिन के अंदर कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं की जाएंगी। वर्किंग कमेटी की बैठक में नए अध्यक्ष के चुनाव तक कार्यकारी अध्यक्ष का नाम भी घोषित हो सकता है। अनुराग ठाकुर ने शनिवार को एक बार फिर दोहराया कि श्रीनिवासन को निष्पक्ष जांच के वास्ते पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। यह भी खबर है कि श्रीनिवासन इस्तीफा तो नहीं देंगे लेकिन वह सभी अहम जिम्मेदारियां छोड़ने पर राजी हो गए हैं। उनके सारे अधिकार कार्यकारी अध्यक्ष को दे दिए जाएंगे।
मतलब वह आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग की जांच पूरी होने तक हाशिए पर रहेंगे। श्रीनिवासन का कार्यकाल सितंबर में खत्म हो रहा है।
श्रीनिवासन की चार शर्तें
सारे अधिकार कार्यकारी अध्यक्ष को देने पर राजी लेकिन आईसीसी में बोर्ड की नुमाइंदगी खुद करना चाहते हैं। इस्तीफा देने वाले कोषाध्यक्ष अजय शिर्के और सचिव संजय जगदाले को बोर्ड में दोबारा नहीं लिया जाएगा। शिर्के और जगदाले के इस्तीफे से खाली हुई कोषाध्यक्ष और सचिव की जगह पर उनकी पसंद के लोग रखे जाएंगे। बोर्ड के सदस्यों में से ही किसी एक को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाए, बाहरी व्यक्ति को नहीं|
शर्त की आड़ में पवार पर वार
बीसीसीआई बोर्ड के सदस्यों में से ही किसी एक कार्यकारी अध्यक्ष बनने की शर्त रखकर श्रीनिवासन ने क्रिकेट में राजनीतिक दखलंदाजी की ओर इशारा किया है। अभी कार्यकारी अध्यक्ष का चुनाव नहीं हुआ है लेकिन उसके पहले ही शशांक मनोहर के नाम पर करीब करीब सहमति बन गई है। शशांक शरद पवार के करीबी माने जाते हैं। लेकिन श्रीनिवासन की शर्त के मुताबिक शशांक कार्यकारी अध्यक्ष नहीं चुने जा सकते क्योंकि वह इस समय बोर्ड के सदस्य नहीं हैं। ऐसे में उनका नाम अपने आप कट जाता है।
मतलब श्रीनिवासन नहीं चाहते कि पवार खेमा बीसीसीआई पर दोबारा हावी होने पाए। लेकिन सवाल यह है कि क्या श्रीनिवासन शर्तें रखने और मनवाने की स्थिति में हैं? क्या उनकी इन शर्तों को विरोधी खेमा स्वीकार करेगा? यह इस बात पर निर्भर करता है कि रविवार को होने वाली आपात बैठक में श्रीनिवासन के समर्थक कितनी मजबूती से उनके साथ खड़े रहते हैं।