FARRUKHABAD : राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग, भारत सरकार के सदस्य श्यौराज जीवन ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि यूपीए की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी ने सफाई कर्मचारी आयोग की रिपोर्ट को बड़ी गंभीरता से लिया है और लोकसभा में सफाई कर्मचारियों को सम्मान दिलाकर उन्हें उनका अधिकार व न्याय दिलाया जा सके।
श्यौराज जीवन ने बताया कि लोकसभा में विधेयक प्रथम बार आ रहा है। स्वतंत्रता के 65 वर्षों बाद भी सफाई मजदूरों को मशीन की तरह इस्तेमाल किया जाता है। सीवर आज गैस चेम्बर बन गये हैं। सफाई मजदूर आये दिन सीवर की सफाई कार्य हेतु सीवर में उतर कर अपने प्राणों की आहुतियां दे देते हैं। सीवर में हुई मौतों की सरकार चुप्पी साध लेती है।
उन्होंने बताया कि हाल ही जनगणना में यह बात उभर कर सामने आयी है कि 26 लाख लोगों की गंदगी खुली नाली में बहती है। 7 लाख 94 हजार परिवारों का मैला सिर पर उठाया जाता है। प्रशासनिक अधिकारियों की दूषित मानसिकता के कारण ही भारत सरकार की योजनाओं को क्रियान्वित नहीं किया जा रहा है।
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श्यौराज जीवन ने बताया कि भारत में ठेकेदारी प्रथा को समाप्त कर उनको नियमित कराना, संविदा सफाई कर्मचारियों को नियमित कराना, शुष्क शौचालयों में घृणित कार्य करने वालों को नौकरी दिलाना, पक्के मकान बनाकर दिलाना, उन्हें सम्मानजनक पेशे में लगाने के लिए ऋण उपलब्ध कराना, कृषि भूमि आवंटित कराना आदि मांगें रखी हैं।