लखनऊ : सूबे में अब बाजारू मूल्य पर खरीदी जाने वाली संपत्ति की कीमत कम दिखाकर स्टाम्प ड्यूटी नहीं बच सकेगी। राज्य सरकार ने ऐसी व्यवस्था लागू की है कि जिससे बाजारू मूल्य व डीएम सर्किल रेट समतुल्य (बराबर) होंगे। इसके लिए न केवल सालाना सर्किल रेट को पुनरीक्षित किया जाएगा बल्कि रेट तय करने के लिए तमाम पहलुओं का ध्यान भी रखा जाएगा।
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वित्तीय संकट से जूझती सरकार स्टाम्प ड्यूटी से ज्यादा से ज्यादा राजस्व हासिल करना चाहती है। चूंकि संपत्तियों की खरीद-फरोख्त आदि की लिखा-पढ़ी में स्टाम्प ड्यूटी को डीएम सर्किल रेट के आधार पर ही निकाला जाता है इसलिए सरकार ने उत्तर प्रदेश स्टाम्प (संपत्ति का मूल्यांकन) नियमावली को संशोधित कर अब ऐसी व्यवस्था लागू की है जिससे बाजारू मूल्य व सर्किल रेट (डीएम के तय भवन-भूमि का न्यूनतम मूल्य) बराबर हों। जारी अधिसूचना के मुताबिक डीएम को अब दो वर्ष के बजाय सालाना सर्किल रेट तय करने में तमाम पहलुओं से जुड़े तथ्यों का ध्यान रखना होगा। मसलन, किसी क्षेत्र की कृषि भूमि के लिए सर्किल रेट तय करने में अब देखा जाएगा कि वहां किस तरह की गतिविधियां हो रही हैं और उसकी विकसित क्षेत्र से कितनी दूरी है। ऐसे में कृषि भूमि होने के बावजूद संबंधित क्षेत्र का सर्किल रेट अधिक होगा।
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गैर वाणिज्यिक भवनों के प्रति वर्ग मीटर निर्माण का न्यूनतम मूल्य तय करने में अब भवन की लोकेशन का भी ध्यान रखा जाएगा। वाणिज्यिक भवनों के प्रति वर्ग मीटर न्यूनतम मासिक किराया तय करने में अब क्षेत्र में हो रहे आर्थिक क्रियाकलाप के साथ ही भवन के प्रकार (भवन में चल रही आर्थिक गतिविधि यानि उपयोग) और क्षेत्र में प्रचलित किराए को भी देखा जाएगा। नियमावली संशोधित कर स्पष्ट किया गया है कि सर्किल रेट को पुनरीक्षित करने में यदि किसी क्षेत्र का सर्किल रेट, प्रचलित दर से अधिक है तो उसे कम भी किया जाए।
अधिकारियों का कहना है उक्त से सर्किल रेट व बाजारू मूल्य समतुल्य रहेगा। चूंकि अभी ज्यादातर जगहों का सर्किल रेट, बाजारू मूल्य से कम है इसलिए पुनरीक्षण होने पर अगस्त से एक बार फिर सर्किल रेट में बढ़ोत्तरी होना तय माना जा रहा है। अब डीएम के तय सर्किल रेट में शासन व स्टाम्प आयुक्त का दखल भी रहेगा। इनकी मंजूरी से ही पुनरीक्षित सर्किल रेट लागू हो सकेगा।
अब हेक्टेयर में होगा कृषि भूमि का सर्किल रेट : राजस्व अभिलेखों में कृषि भूमि हेक्टेयर में ही दर्ज होती है इसलिए राज्य सरकार ने नियमावली संशोधित करते हुए एकड़ में सर्किल रेट तय करने की व्यवस्था भी समाप्त कर दी है। अब कृषि भूमि का डीएम सर्किल रेट हेक्टेयर में ही तय होगा।
स्टाम्प ड्यूटी से 10555 करोड़ की दरकार : सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में स्टाम्प ड्यूटी से 10,555 करोड़ रुपये हासिल करने का लक्ष्य तय किया है। लक्ष्य बीते वित्तीय वर्ष की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक है।