यूपी के डीजीपी ने थानेदारों को मीडिया से दूर रहने की ताकीद की

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री समाजवादी अखिलेश यादव भले ही प्रदेश की पुलिस को आम जनता से जुड़ने व मीडिया फ्रैंडली होने का पाठ पढ़ा रहे हों। लेकिन उनके सिपहसालारों को शायद यह मंजूर नहीं है। शायद यही कारण है कि प्रदेश पुलिस के लिए एक बार फिर बसपा सरकार के दौर का तुगलकी फरमान जारी कर दिया गया है। डीजीपी की ओर से सभी जिलों के कप्तानों को भेजे गए पत्र में निर्देशित किया गया है कि वे अपने यहां के थानेदारों को मीडिया से दूर रहने की ताकीद कर दें। किसी थानेदार ने मीडिया से घनिष्ठता बढ़ाई तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। केवल राजपत्रित अधिकारी ही मीडिया से बात करेंगे और पीआरओ सेल सूचनाएं प्रदान करेगी।

प्रदेश के महानिदेशक देवराज नागर ने बीते माह में कई संगीन मामलों में अफसरों और थाना प्रभारियों के बयानों में विरोधाभास प्रकट होने पर ठंडे बस्ते में पड़े इस फरमान का फिर से लागू करा दिया है, ताकि पुलिस की किरकिरी ना हो। अब एसओ और चौकी प्रभारी मीडिया से बात नहीं करेंगे। यह फरमान जिलों के थानों-चौकियों तक पहुंच गया है। सभी को निर्देशित कर दिया गया है कि मीडिया से दूरी बना लें। इस आदेश के विपरीत आचरण करता हुआ कोई पाया गया तो वो कार्रवाई के लिए खुद जिम्‍मेदार होगा।