घूस ने मिलने पर डीएसओ ने गायब की कोटा चयन की पत्रावली!

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फर्रुखाबाद: नये कोटे के चयन में खेल का अंदाजा लगाइये कि जब जिला पूर्ति कार्यालय को नव-चयनित कोटेदार से घूस की उम्‍मीद नहीं रही तो चयन पत्रावली ही गायब कर दी गयी। इससे पूर्व विगत 15 फरवरी को वीडियो कैमरे के सामने हुई कोटा चयन की खुली बैठक की पत्रावली खंड विकास अधिकरी भी 2 माह तक दाबे बैठे रहे। जब नव-चयनित कोटेदार ने विगत 7 मई को तहसील दिवस में शिकायत कर दी तो बीडीओ ने बैक डेट में पत्रावली डिस्‍पैच कर डीएसओ कार्यालय में पत्रावली 10 मई को प्राप्‍त करादी। मजे की बात है कि पूर्ति निरीक्षक निहायत बेशर्मी से एसडीएम को बता रहे हैं कि ‘सर पत्रावली मिल ही नहीं रही है’।

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विकास खंड बढ़पुर के ग्राम रशीदपुर की दूकान का नया आवंटन गत 15 फरबरी 2013 को राजस्व निरीक्षक और अन्य अधिकारिओ की देखरेख में हुआ था| कोटेदार की दूकान के चयन में विडियो फिल्म भी बनायीं गयी थी| मगर दूकान के आवंटन का पत्र अभी तक उसे नहीं सौप गया है| जाहिर है अगर दूकान का आवंटन पत्र पिछले तीन माह से नहीं मिला तो ग्रामीणों को राशन उसी कोटेदार को हो रह होगा, जिसके पास अभी तक यह कोटा संबद्ध चल रहा था| ऐसे में ये गंभीर मामला बनता है| बड़ा सवाल ये है कि क्या भ्रष्ट तंत्र के मकडजाल में उलझी सरकारी मशीनरी और उससे पीड़ित जनता के इन्साफ के लिए दोषी सरकारी कर्मचारी को कोई सजा देने की पहल प्रशासन करेगा?

जेएनआई ने इस मामले में पड़ताल की तो पता चला कि डीएएसआ(जिला पूर्ति कार्यालय) ने तो चयन की पत्रावली ही गायब कर रखी है। इस संबंध में एसडीएम सदर राकेश कुमार से वर्ता की गयी तो उन्‍होने संबंधित पूर्ति निरीक्षक को बुलाकर मामले की पूछतांछ की। बेशर्मी की हद देखिये कि पूर्ति निरीक्षक बोले की ‘पत्रावली तो आफिस में मिल नहीं ही नहीं रही है’। एसडीएम ने फोन लगाकर बीडीओ से पूछा तो बताया गया कि पत्रावली तो विगत 26 अप्रैल को ही डिस्‍पैच संख्‍या 238 से डीएसओ कार्यालय को भेजी जा चुकी, जो 10 मई को प्राप्‍त करायी जा चुकी है। अब सवाल यह है कि 15 फरवरी को चयन बैठक के बाद पत्रावली इतने दिनों तक बीडीओ कार्यालय में क्‍यों दबी रही। शिकायतकर्ता नव चयनित कोटेदार के अनुसार ग्राम पंचायत सचिव के द्वारा 10 हजार रुपये की मांग की जा रही थी। पैसा न देने के कारण पत्रावली दाबे रहे। फिर सवाल यह उठा कि बीडीओ बढ़पुर के कार्यालय से 26 अप्रैल को चली पत्रावली को मात्र 5 किलोमीटर दूर स्‍थित डीएसओ कार्याल पहुंचने में 10 तक का समय क्‍यों लगा। जवाब साफ है कि तहसील दिवस में 7 मई को शिकायत के बाद बैक डेट में फाइल को डिस्‍पैच कर दिया गया।

फिलहाल एसडीएम प्रकरण की जांच में लग गये हैं, देखना है कि परिणाम क्‍या निकलता है।

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