लखनऊ : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने सपा व बसपा के ब्राह्माण सम्मेलनों को घड़ियाली आसूं बताते हुए ब्राह्माणों पर जुल्म करने की माफी मांगने को कहा।
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शनिवार को यहां पत्रकार वार्ता में वाजपेयी ने पूछा कि सपा बसपा कब से ब्राह्माण हितैषी हो गए? दोनों दलों के नेतृत्व को अपने अतीत में झांकना चाहिए। इन दलों का इतिहास ही ब्राह्माणों से विश्वासघात का रहा है। केवल सम्मेलनों से अतीत के दाग को धोया नही जा सकता है। सपा के पिछले शासन काल में गाजियाबाद से गाजीपुर तक ब्राह्माण सपाई आतंक के शिकार रहे है। उन्होंने बसपा सुप्रीमों से उस चर्चित नारे के बारे में माफी मांगने को कहा। जिसमें ब्राह्माण समाज को अपमानित करने का नारा सार्वजनिक मंचों से दिया जाता था। ब्राह्माणों के नाम पर एक परिवार को 24 लालबत्तियों वाली कार देने पर सफाई देनी चाहिए।
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