नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी और मनमोहन सरकार की लंबी फजीहत के बाद आखिरकार रेल मंत्री पवन कुमार बंसल और कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने प्रधानमंत्री का अपना इस्तीफा सौंप दिया है। प्रधानमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप कर बाहर निकलते ही पवन बंसल और अश्विनी कुमार ने अपनी गाड़ियों पर लगी लालबत्ती बुझा लीं। सूत्रों के मुताबिक मल्लिकार्जुन खड़गे को देश का नया रेलमंत्री बनाया जा सकता है।
दरअसल शाम करीब 5 बजे से ही पवन बंसल के इस्तीफे से जुड़ी खबरें आ रही थीं। इसी वक्त सोनिया गांधी प्रधानमंत्री से मिलने पहुंची थीं। खबर ये थी कि पवन बंसल ने अपना इस्तीफा शाम करीब 6 बजे प्रधानमंत्री कार्यालय भेज दिया। इसके बाद बंसल ने मीडिया से कहा कि उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है।
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रात के 9 बजे रेल मंत्री पवन बंसल के साथ–साथ अश्विनी कुमार का भी इस्तीफा हो गया। ये दोनों नेता करीब साढ़े 8 बजे प्रधानमंत्री से मिलने पहुंचे थे। बाहर निकलकर बंसल ने साफ कर दिया कि उन्होंने पीएम को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। जबकि कुछ देर बात अश्विनी कुमार के इस्तीफे की भी पुष्टि हो गई।
उधर खबर ये भी है कि सीबीआई पवन कुमार बंसल से जल्द ही पूछताछ कर सकती है। ऐसे में पद पर रहते हुए अगर बंसल से पूछताछ होती तो पार्टी और सरकार के लिए खासी किरकिरी वाली स्थिति होती इसलिए कांग्रेस और सरकार दोनों इस बात पर सहमत थे कि बंसल का अब और ज्यादा बचाव न किया जाए और उन्हें पद से हटा दिया जाए।
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गौरतलब है कि बंसल के भांजे विजय सिंगला को सीबीआई ने रेलवे में प्रमोशन कराने के नाम पर 90 लाख रुपये घूस लेते हुआ गिरफ्तार किया था। जिसके बाद से ही बंसल पर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया था। जबकि अश्विनी कुमार पर कोयला घोटाले में सीबीआई के हलफनामे में दखलअंदाजी का आरोप है, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई पर कड़ी टिप्पणी की थी।