फर्रूखाबाद: प्रमुख सचिव सुनील कुमार, द्वारा अशंकालिक अनुदेशकों की भर्ती में फर्जीवाडे़ की शिकायत मिलने से सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को कठोर निर्देश जारी किये थे। इसके बावजूद विभागीय अधिकारी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं। दो काउंसिलिंग तिथियों के दौरान ही 20 पद बैकडोर से भर लिये गये।
[bannergarden id=”8″]जनपद में अशंकालिक अनुदेशकों के रिक्त 366 पदों पर 30 अप्रैल को काउन्सललिंग कराई गई थी, उक्त काउन्सलिंग में 274 अभ्यर्थी उपस्थिति हुए, जिसमें से 222 अभ्यर्थियों को पात्र माना गया। शेष 144 पदों पर पुन: काउन्स्लिंग के लिये 8 मई की तिथि निर्धारित किये जाने की सूचना बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अपनी वेबसाइट पर डाली थी। इस प्रकार 52 (274-222) अभ्य्र्थियों को अनर्ह (अयोग्य) माना गया। परंतु बाद में इसी वेबसाइट पर बताया गया कि ‘उपस्थिति 274 अभ्यटर्थियो के शैक्षिणिक/प्रशिक्षण प्रमाण पत्रों का सघन परीक्षण किया गया, जिसमें 50 अभ्य र्थियो के शैक्षिक प्रमाण पत्र शासनादेश में उल्लिखित शैक्षिक योग्ययताओं से मेल नही खा रहे है, जिस कारण उन्हें अनर्ह की सूची में शामिल किया गया है। आखिर वह 2 अभ्यर्थी कौन से थे जिन्हें कतिपय कारणों से अर्ह मान लिया गया।
मामला यहीं समाप्तन नहीं हुआ। इसी वेबसाईट पर 8 मई को सूचना दी गयी कि ‘दिनाक 08-05-2013 को आयोजित काउन्सलिंग में 126 के सापेक्ष 106 अभ्यर्थी हुए 30.06.2013 में से उपसिथति हुए’। आखिर आठ दिनों के भीतर ही रिक्तं पदों की संख्यास 144 से घटकर 126 कैसे रह गयी। वोह (144 -126) अर्थात 18 अभ्यर्थी कौन कौन हैं| जाहिर है कि इन बीस (2+18) अभ्य1र्थियों की बैकडोर से नियुक्तिी कर ली गयी।
इस संबंध में पूछे जाने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भगवत पटेल ने कहा कि वह जनपद से बाहर हैं, इस लिये इस विषय पर जानकारी नहीं दे सकते। उन्होंने बताया कि द्वितीय काउंसिलिंग में सम्मिलित अभ्यर्थियों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच के बाद अब कुल 51 पद रिक्त रह गये हैं। इनमें से 16 पद फल संरक्षण में, कला में 24, शारीरिक शिक्षा में 1, व 10 कंप्यूटर शिक्षा में रिक्त हैं। कांउसिलिंग के अग्रिम तिथि की घोषणा शासन से दिशा निर्देश प्राप्त होने के बाद की जायेगी।