माल कटेगा कोटेदार और पूर्ति विभाग लेकिन फसेंगे शिक्षक? राशन कार्ड सर्वे…

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Rashan Card Surveyअब जमाना बदल रहा है| हो सकता हो जिस भ्रष्टाचार को खुलने में पहले कई साल लग जाते थे अब भ्रष्टाचार होते होते खुल जाए| लोग जाग रहे है| प्रशासनिक तंत्र से राहत न मिलने पर न्यायालय की शरण ले रहे है| केंद्र में भी ऐसा ही तो हो रहा है| जब तक सुप्रीम कोर्ट नहीं कहेगा बंसल और अश्वनी कुमार नहीं हटेंगे| बेशर्मी की हदे पार हो रही है|

नया मामला राशन कार्ड बनाने के लिए चल रहे सर्वे को लेकर है| पूरे उत्तर प्रदेश में ये अभियान चल रहा है| फर्रुखाबाद जिले के नगर क्षेत्र में शिक्षक की ड्यूटी लगायी गयी है| पहले शिक्षको ने इनकार कर दिया था मगर अब बेसिक शिक्षा अधिकारी की नयी चिट्ठी के अनुसार इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय घोषित कर दिया है| इसलिए ड्यूटी की बाध्यता बना दी गयी है| जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अपने शिक्षको पर दबाब बना दिया है| वैसे राशन कार्ड सर्वे का अघोषित आधा काम तो कोटेदारो ने कर दिया है शिक्षको को तो बस इन सूचियों पर दस्खत करने भर होंगे| सूत्रों के मुताबिक यही तो समझाया था साहब ने|

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सुना है साहब ने कई स्कूलों में खुद जाकर शिक्षको को राशन कार्ड के सर्वे के फार्म हाथ में थमा ड्यूटी थमा दी है| किसी ने आनाकानी की तो शुरू हो गयी मिड डे मील की जाँच| जो शिक्षक कुछ दिनों पहले जिला पूर्ति विभाग की ड्यूटी न करने के लिए शिक्षा के अधिकार के कानून की दुहाई दे रहे थे दंडवत हो गए|

जिले में गरीबी के रेखा से नीचे के कार्ड और अन्तोदय के राशन कार्ड बनाने में कालाबाजारी जैसी स्थिति है| केवल राशन ही नहीं अन्य सरकारी योजनाओ में मुफ्त और रियायती दरो पर मिलने वाली सहायता इसी कार्ड पर निर्भर रहती है| ये बात सब जानते है| इसलिए इनमे घालमेल होना तय है| और ऐसा हुआ और किसी जागरूक की नजर इस पर पड़ी तो कोटेदार और पूर्ति विभाग तो बच जायेगा मगर बेचारा मास्टर फसेगा| क्योंकि खबर है कि नए राशन कार्ड के सर्वे के साथ ही लगभग दो दर्जन जागरूक आर टी आई एक्टिविस्ट भी निगाह रखने लगे है| इधर गड़बड़ी हुई उधर शिकायत शुरू हो जाएगी| अगर मास्टरों ने अपनी आँखे और कान बिना खोले इस काम को निपटाने की सोची या फिर कुछ अनुचित लाभ के लालच में ईमान खोया तो दूसरे की दावत में मुह जला समझो| वैसे खबर तो ये भी मिली है कि कुछ शिक्षक अपने आवंटित क्षेत्र के अलावा अन्य क्षेत्र लेने के भी इच्छुक है| वैसे इस काम का कोई अतिरिक्त मानदेय भी नहीं मिलना है फिर भी कुछ शिक्षक अतरिक्त काम की तलाश में क्यूँ है? हो सकता है कि कर्तव्यबोध ज्यादा उमड़ रहा हो या अनुचित लाभ की कोई स्कीम तैयार हो| इन्तजार करिए सर्वे पूरा होने और नए राशन कार्ड जारी होने की रिपोर्ट आने तक…

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