नई दिल्ली : सहारा वालों ने बचने के बहुत सारे प्रयास किए लेकिन कोई तरीका कामयाब होता नहीं दिख रहा है. संपत्ति कुर्क होने और गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने सहारा की चालबाजियों को समझ लिया है और कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया है. सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को सहारा ग्रुप को बड़ा झटका देते हुए उसकी संपत्ति कुर्क करने के आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया. साथ ही न्यायालय ने सहारा को सेबी के पास अपनी पॉपर्टी के दस्तावेज जमा करने का आदेश दिया है. सहारा ने अपनी संपत्ति जब्त करने के आदेश पर रोक लगाने के लिए सर्वोच्च अदालत में अर्जी दी थी जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने मंगलवार को यह आदेश दिया.
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सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले के बाद सेबी को सहारा के खिलाफ कानून के तहत आगे की कार्रवाई करने की छूट होगी. इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों का 24 हजार करोड़ रुपया नहीं लौटाये जाने को लेकर सहारा समूह और इसके मुखिया सुब्रत राय को लताड़ चुका है. न्यायालय ने कहा कि वे अपने बचाव के लिए ‘अदालतों से चालबाजी’ कर रहे हैं. न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति जे एस खेहड़ की खंडपीठ ने सेबी की अवमानना याचिका पर जवाब दाखिल नहीं करने के लिए सहारा समूह और इसके मुखिया की खिंचाई की. न्यायालय ने सुब्रत राय और दो पुरुष निदेशकों अशोक राय चौधरी तथा रवि शंकर दुबे को हिरासत में लेने संबंधी सेबी की याचिका पर उनसे जवाब तलब करने के लिए आज नोटिस भी जारी किए. सेबी ने निवेशकों का पैसा वसूलने की लिए उनको हिरासत में लेने का आदेश जारी करने का आग्रह किया है.
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सहारा ने निवेशकों की रकम के तौर पर करीब 5000 करोड़ रुपये सेबी को दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को आदेश दिया है कि ये पैसे निवेशकों को लौटाए जाएं, साथ ही, कोर्ट ने सेबी से ये भी कहा है कि वो कानून के मुताबिक सहारा पर कोई भी कार्रवाई करने को स्वतंत्र है. इस तरह कोर्ट ने सेबी को सहारा समूह के खिलाफ कार्रवाई की छूट दे दी है. हालांकि कोर्ट ने सेबी से कहा है कि मामले पर अगली सुनवाई तक संपत्ति को बेचा न जाए. सेबी ने मांग की थी कि सहारा समूह की संपत्ति जब्त करने की अनुमति दी जाए. सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय और उनकी कंपनियों के डायरेक्टरों से संपत्ति के कागजात भी जमा करने को कहा है. साथ ही, सहारा को सभी करारों के दस्तावेज जमा करने होंगे. सेबी ने सहारा ग्रुप की 2 कंपनियों के खिलाफ कोर्ट की अवमानना की याचिका दी थी, जिसकी सुनवाई 17 जुलाई को होगी.