नई दिल्ली: जिस नरेंद्र मोदी फैक्टर को आगामी लोकसभा चुनावों में बीजेपी का सबसे बड़ा दांव माना जा रहा है, वह कर्नाटक चुनाव की अपनी पहली ही परीक्षा में बेअसर साबित हुआ। यह पहला मौका था जब गुजरात के बाहर मोदी को अपनी लोकप्रियता साबित करनी थी। कर्नाटक चुनाव के झटके बीजेपी को प्रदेश स्तर पर ही नहीं, राष्ट्रीय स्तर पर भी महसूस हो रहा है।
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की पूरे देश में लोकप्रियता का बखान बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह समेत सारे प्रमुख नेता करते नहीं थकते हैं। गुजरात में तीसरी बार जीत दर्ज कराने के बाद यह पहला मौका था जब गुजरात के बाहर मोदी को अपनी लोकप्रियता साबित करनी थी। मोदी की रैलियां तो भीड़ खींचने में सफल रहीं। मोदी ने कांग्रेस और यूपीए पर हमला भी जोरदार बोला। लेकिन, वोट नहीं डलवा पाए। मोदी 37 विधानसभा सीटों में गए थे, मगर, इनमें से 21 सीटों पर बीजेपी पीछे चल रही है, सिर्फ 16 सीटें बीजेपी की झोली में जाती दिख रही हैं।
चूंकि बीजेपी इन चुनावों में बुरी तरह पिट रही है, इसलिए मोदी को पार्टी की हार की अतिरिक्त जिम्मेदारी लेनी होगी। ऐसे में बीजेपी के अंदर और बाहर मोदी विरोधी कर्नाटक चुनाव नतीजों को मोदी के खिलाफ इस्तेमाल करें तो आश्चर्य नहीं।
दूसरी ओर राहुल गांधी ने 60 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया था। इनमें से 26 पर ही कांग्रेस आगे चल रही है। हालांकि कांग्रेस चुनाव नतीजों में बाजी मारती दिख रही है। इसलिए कांग्रेस की इस जीत का श्रेय राहुल को देने में कांग्रेसी पीछे नहीं रहेंगे। संचार मंत्री कपिल सिब्ब्ल ने कार्नाटक की जीत का श्रेय राहुल गांधी को देते़ हुए कहा कि परिणाम से साबित हो गया है कि नरेंद्र मोदी जीरो हैं और राहुल गांधी हीरो हैं।