लखनऊ। आम आदमी से टैक्स के रूप में बसूले जाने वाले एक एक रुपए से जमा होने वाले राजस्व खजाने को राजनेता किस तरह बर्बाद करते है इसका सबसे अच्छा उदाहरण उत्तर प्रदेश की निर्वासित बसपा सरकार में देखने को मिलता है। अब तक की सबसे भ्रष्ट इस प्रदेश सरकार के घोटालों और भ्रष्टाचार को हटा दिया जाए तो इस सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने अपनी शान-ओ-शौकत को बढ़ाने के लिए राजस्व के कई सौ करोड़ रुपए पानी की तरह बहा दिया। ऐसा ही मामला तब सामने आया था जब मुख्यमंत्री मायावती द्वारा अपने लिए आजीवन आवंटित आवास 13- माल एवेन्यू बंगले में सरकारी राजस्व से करोड़ो रुपए खर्चा कर निर्माण कार्य करवाया था। मुख्यमंत्री का अनुसरण उनके सहयोगियों ने भी बखूबी किया और अपनी शान को बढ़ाने में सरकारी धन को लुटाने में पीछे नहीं रहे।
उत्तर प्रदेश की पूर्व सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे रामवीर उपाध्याय भी एक ऐसा नाम है जिसकी चर्चा आए दिन प्रदेश के किसी घोटाले को लेकर होती रहती है। भ्रष्टाचार के कई मामलों में आरोपी उपाध्याय का एक और कारनामा सामने आया है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि पूर्व कैबिनेट मंत्री उपाध्याय को अपने मंत्रित्वकाल में 25 वाहनों की जरूरत पड़ती थी। जिसके लिए उन्होंने यूपी पॉवर कार्पोेरेशन की 25 गाडिय़ों का जखीरा जमा कर रखा था। ये सभी गाडिय़ां पॉवर कार्पोरेशन के खर्चे पर मंत्री जी की सेवा में मुख्यालय शक्ति भवन की ओर से उपलब्ध करवाईं गई थी। जिसमें 14 अंबेस्डर कारें, 8 जिप्सी और तीन टाटा सफारी शामिल थी। विभागीय दस्तावेजों के मुताबिक ये सभी 25 गाडिय़ां चार वर्ष तक ऊर्जामंत्री के पास रहीं।
यह जानकर आपके जहन में इस सवाल का उठना गलत नहीं होगा कि मंत्री जी को 25 गाडिय़ों की क्या जरूरत थी? लेकिन इस सवाल का जवाब भी बेहद सरल सा है कि जब खर्चा अपनी जेब से नहीं देना तो क्या फर्क पड़ता है कितनी भी गाडिय़ां दरवाजे पर खड़ी कर लो, चलेंगी नहीं तो कम से कम रुतबा तो बढ़ेगा।
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रामवीर उपाध्याय ने इन सरकारी गाडिय़ों के अलावा अपने आवंटित बंगले को सजाने और निजी जरूरत के उपकरणों की खरीद पर भी कई लाख रूपए खर्च किए। जिसमें एयर कंडीशन मशीनें, बड़ी एलसीड़ी टीवी, फ्रिज और अलमारियों से लेकर लग्जरी से जुड़ी तमाम वस्तुएं शामिल हैं। जनसेवा के नाम पर चुनाव जीतकर मंत्री पद की शपथ लेने वाले जनसेवकों द्वारा सरकारी खर्च पर निजी जरूरतों को पूरा करना किस हद तक जायज है, यह तो हमारे माननीय ही जानते होगे।
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आपको बता दें कि आजकल रामवीर उपध्याय का समय थोड़ा खराब चल रहा है, उत्तर प्रदेश का बिजीलेंस डिपार्टमेंट भ्रष्टाचार के कुछ मामलों में उनके खिलाफ मामला दर्ज करवाने वाली है। अब ऐसा तेा होना था क्योंकि जब मंत्री जी कुर्सी पर थे तो उन्हें इस बात का होश ही नहीं था कि उनके एक कारनामें से प्रदेश के एक आम आदमी की जेब पर क्या असर पड़ता है। आखिर सरकारी कहलाने वाला खजाना आम आदमी का है, न कि किसी नेता की निजी संपत्ति, खर्च के बाद हिसाब तो देना ही पड़ेगा।
रामवीर उपध्याय के पास रहीं 25 गाडियों की सूची नंबरों के साथ-
List of vehicles made available via Shakti Bhawan Headquarters
1. UP 32 Q 1102 (Ambassador)
2. UP 32 AW 7373 (Ambassador)
3. UP 32 BR 1487 (Ambassador)
4. UP 32 CC 6655 (Ambassador)
5. UP 32 CC 4295 (Gypsy)
6. UP 32 CK 0784 (Ambassador)
7. UP 32 DJ 2722 (Ambassador)
8. UP 32 CJ 2855 (Gypsy)
9. UP 32 CD 1811 (Gypsy)
10. UP 32 CM 2770 (Tata Safari)
11. UP 32 CM 6655 (Tata Safari)
12. UP 32 DX 5591 (Ambassador)
13. UP 32 DX 5594 (Ambassador)
14. UP 32 DY 6997 (Gypsy)
15. UP 32 DY 6998 (Gypsy)
List of Vehicles made available via Southern Power Distribution Corporation Ltd.
16. UP 32 CM 2771 (Tata Safari)
17. UP 32 CQ 4910 (Gypsy)
18. UP 32 CQ 4911 (Gypsy)
19. UP 32 CN 5891 (Gypsy)
20. UP 32 CP 1785 (Ambassador)
21. UP 32 BN 5891 (Ambassador)
22. UP 32 CP 3055 (Ambassador)
23. UP 32 CK 0785 (Ambassador)
24. UP 80 AX 1500 (Ambassador)
List of Vehicles made available via Western Power Distribution Corporation Ltd.
25. UP 32 CM 2769 (Ambassador)
साभार पर्दाफाश