लखनऊ : यूपी के होमगार्ड्स विभाग में फर्जी ड्यूटी का खेल जारी है। मनमाने ढंग से ड्यूटी लगाने के कुछ मामले भी सामने आए हैं। विभाग के मंत्री कंप्यूटर सिस्टम को आधा अधूरा मानते हैं, जबकि कई वरिष्ठ अफसर कंप्यूटर प्रणाली पर जोर दे रहे हैं।
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फर्जी ड्यूटी का मामला लखनऊ के ब्लाक गोसाईगंज का है, जहां नेत्रहीन होमगार्ड की ड्यूटी लगाकर पैसा उगाहने का मामला सामने आया है। गोसाईगंज विकास खंड के ग्राम सभा मोहरी खुर्द के ग्राम प्रधान सजीवन लाल यादव को अनियमितता का पता चला तो उन्होंने मंत्री, महानिदेशक और मुख्यमंत्री समेत कई लोगों को पत्र से शिकायत भी की। उन्होंने आरोप लगाया कि गोसाईगंज विकास खंड के अवैतनिक कंपनी कमांडर व वीओ ने होमगार्ड सुनील कुमार की ड्यूटी मई 2012 से मार्च 2013 तक पुलिस अधीक्षक ग्रामीण लखनऊ के कार्यालय में लगाकर फर्जी तरीके से मानदेय निकाल लिया। सुनील कुमार की 11 जनवरी 2010 को सड़क दुर्घटना में दोनों आंखों की रोशनी चली गयी थी और अभी वह ठीक नहीं हैं। आरोप लगाया कि सड़क दुर्घटना में छेदा खेड़ा के होमगार्ड भवानी दीन के पैर की हड्डी टूट गयी। उसकी भी ड्यूटी पुलिस अधीक्षक ग्रामीण के कार्यालय में दिखाकर उसका हक मारा जा रहा है। इनको मिलने वाले मानदेय को जबरिया हड़प रहे हैं। प्रधान ने साक्ष्य के रूप में कई अहम दस्तावेज भी पेश किये हैं। यह तो बानगी है। इस तरह की शिकायतें पूरे लखनऊ में बनी है। होमगार्ड्स विभाग के एक डीआइजी का कहना है जब तक मैनुअल सिस्टम से ड्यूटी लगेगी, इस तरह की दिक्कत बनी रहेगी।
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ध्यान रहे कि लखनऊ के जिला कमांडेंट को पूर्व डीजी होमगार्ड ने कंप्यूटर सिस्टम पर ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए, लेकिन उन्होंने एक न सुनी। फिर डीजी ने उनके निलंबन के लिए लिखा, लेकिन फाइल दब गयी। आरोप यही है कि होमगार्ड्स विभाग में फर्जी ड्यूटी के खेल में अफसर समेत कई लोग शामिल हैं।