अखिलेश की नाक के नीचे फर्जीवाड़ा: ‘विकलांग’ डिंपल बनेंगी संविदा अध्यापक!

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कन्नौज. यूपी बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में संविदा पर अध्यापकों के चयन में विभाग की घोर लापरवाही उजागर हुई है। साल 2012-13 के लिए संविदा पर रखे जाने वाले अध्यापकों के लिए सफल अभ्यार्थियों की जो लिस्ट निकाली गयी है उसमें कन्नौज की सांसद और सीएम अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव का नाम सबसे ऊपर है। उनके प्राप्तांकों का प्रतिशत 94.01 फीसदी है और लिस्ट में सबसे पहला नाम है।
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जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में शिक्षा विभाग द्वारा संविदा पर अध्यापकों की भर्ती की प्रक्रिया ऑन लाइन फॉर्म के जरिये दो महीने पहले की गयी थी। इसमें अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किये थे। इस आवेदन के लिए बैंक द्वारा एक चालन जमा किया जाता है। अभ्यर्थी अपने दस्तावेजों की प्रतियां भी दर्शाता है।

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शिक्षा विभाग द्वारा लगाए गए मेरिट लिस्ट के मुताबिक़ इसी पूरी प्रक्रिया के तहत कन्नौज में सांसद डिम्पल यादव ने भी आवेदन किया था। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब शिक्षा विभाग ने मेरिट लिस्ट को बुधवार की सुबह चस्पा दिया। उसमें डिम्पल यादव पत्नी अखिलेश यादव का नाम प्रथम स्थान पर रखा गया था।

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ऑन लाइन भरे गए डिम्पल यादव के आवेदन पर नजर डाले तो डिम्पल यादव के निवास प्रमाण पत्र पर पता कन्नौज का दर्शाया गया है। आवेदन की रजिस्ट्रेशन संख्या -18200020049 है। जन्मतिथि 10-05-1980 है। निवास प्रमाण पत्र क्रमांक- 454587812189 है। डिम्पल यादव ने जिस आरक्षण कोटे से आवेदन किया है वह फ़ार्म में विकलांग की सूचि में आता है। मतलब डिम्पल यादव विकलांग हैं। जब पूरा मामला उजागर हुआ तो विभाग और प्रशासन में खलबलि मच गयी।

कन्नौज के बेसिक शिक्षा अधिकारी अम्बरीश यादव की माने तो विभाग से चूक हुई है। किसी ने भद्दा मजाक किया है। इसकी जांच की जाएगी। जो दोषी होगा उसे अवश्य सजा मिलेगी। वैसे इसको लेकर ऊपर के अधिकारिओ को सूचित कर दिया गया है। वहीं कन्नौज के जिलाधिकारी डॉ रुपेश कुमार भी इस मामले को गंभीरता से लिया है। इस पूरे मामले की जांच साइबर क्राइम शाखा से कराने की बात कही है। जिलाधिकारी ने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी पाए जायेंगे उनके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी।