सरबजीत सिंह का निधन, मनमोहन सिंह ने जताया शोक

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Sarbjit Singh पाकिस्तान में मौत की सजा का सामना कर रहे भारतीय कैदी सरबजीत सिंह का लाहौर के एक अस्पताल में देर रात डेढ़ बजे निधन हो गया। सरबजीत की मृत्यु कड़ी सुरक्षा वाले जेल में कैदियों द्वारा बर्बर हमला किए जाने के बाद पिछले छह दिनों तक कोमा में रहने के बाद हुई। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सरबजीत सिंह के निधन पर शोक जताया है। प्रधानमंत्री ने खेद व्यक्त किया कि मामले में मानवीय रवैया अपनाने के लिए पाकिस्तान ने भारत और सरबजीत के परिवार के आग्रह पर ध्यान नहीं दिया।

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सरबजीत के इलाज की निगरानी कर रहे मेडिकल बोर्ड के प्रमुख महमूद शौकत ने बताया कि जिन्ना अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात एक डॉक्टर के पास से मेरे पास देर भारतीय समयानुसार डेढ़ बजे फोन आया जिसमें सूचित किया गया कि सरबजीत नहीं रहे। इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें जिन्ना अस्पताल के अधिकारियों ने सरबजीत की मृत्यु के बारे में सूचित किया है।

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शौकत ने कहा कि सरबजीत के शव को उनके परिजनों या भारतीय अधिकारियों को सौंपने के बारे में कोई फैसला नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि इन मामलों को सरकार की ओर से दिए जाने वाले निर्देश के अनुसार तय किया जाएगा। इससे पहले दिन में लाहौर में आधिकारिक सूत्रों ने बताया था कि सरबजीत की हालत जिस तरह से गिर रही है उससे वह दिमागी रूप से मृत हालत में जा सकते हैं।सरबजीत सिंह पर 26 अप्रैल को लाहौर की कोट लखपत जेल में 4 से 5 कैदियों ने हमला किया जिसमें वे बुरी तरह घायल हो गए थे। इलाज के लिए उन्हें वहां के जिन्ना अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां वे तभी से वेंटिलेटर पर थे। लेकिन दिनों-दिन सरबजीत की हालत बिगड़ती चली गई और आखिरकार वह जिंदगी की जंग हार गए।

सरबजीत के परिवार ने उनके शव को सौंपे जाने की मांग की है। सरबजीत का परिवार दिल्ली में ठहरा हुआ है। सरबजीत के परिवार से मिलने केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे भी पहुंचे। सरबजीत के परिवार ने उन्हें शहीद घोषित करने की मांग की है। सरबजीत को वर्ष 1990 में पंजाब प्रांत में हुए कई बम विस्फोटों में कथित रूप से उनकी संलिप्तता के लिए दोषी ठहराया गया था। इस हमले में 14 लोग मारे गए थे । अदालतों तथा पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने उसकी दया याचिकाओं को ठुकरा दिया था।पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की अगुवाई वाली पिछली सरकार ने वर्ष 2008 में सरबजीत की फांसी पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगा दी थी।

इधर, सरबजीत के निधन पर शोक जताने के बाद पीएम ने कहा है कि सरबजीत के शव को भारत लाने की कोशिश की जा रही है ताकि उनका अंतिम संस्कार परिवार मर्जी के मुताबिक कर सके। पीएम ने कहा कि सरकार सरबजीत के शव को घर लाने और उनका अंतिम संस्कार करने के इंतजाम करेगी। उन्होंने कहा कि सरबजीत पर बर्बर और कातिलाना हमले के जिम्मेदार अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाया जाए और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिले।