मात्र 23 दिन की थी पूनम जब सरबजीत सिंह 1990 में शराब के नशे में सीमा पार कर उससे बिछड़ गया था। पिता घर लौटे, इसका इंतजार वह गत 23 वर्षो से कर रही है। पिता से अब मिलने का अवसर भी मिला तो उनकी हालत ही इतनी बिगड़ चुकी है कि उससे देखा नहीं जा रहा है। जिन्ना अस्पताल में जिंदगी व मौत के बीच जूझ रहे भारतीय कैदी सरबजीत की बेटी पूनम मंगलवार को पिता को देख कर विचलित हो उठी।
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भारत लौटा सरबजीत का परिवार :-
उसकी तबीयत भी खराब हो गई है। पत्नी सुखप्रीत व बड़ी बेटी स्वप्नदीप के भी आंसू थम नहीं रहे हैं। सरबजीत की पीड़ा से परिवार टूट चुका है। बेबस पूनम ने अपनी बुआ दलबीर कौर को वापस वतन लौटने का दबाव डाला है। यही कारण है कि दलबीर कौर बुधवार सुबह परिवार सहित अटारी सड़क सीमा के रास्ते भारत लौट आया।
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पिता को देख बेटी की हालत हुई खराब:-
मंगलवार को दलबीर कौर ने कहा कि पूनम की हालत ठीक नहीं है। डाक्टरों की एक टीम ने होटल में आकर उसकी जांच की है। उसके खून व पेशाब के सेंपल लिए हैं। बड़ी बेटी स्वप्नदीप व पत्नी सुखप्रीत भी पिछले तीन दिनों से रो रही हैं। पूरा दिन रोते रहने से इनकी भी हालत बिगड़ रही है। परिवार की हालत को देखते हुए बहन दलबीर कौर ने बुधवार वतन लौटने का निर्णय किया। वतन लौटने के बाद वह दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात कर सरबजीत की जिंदगी के लिए गुहार लगाएंगी।
शेख दायर करेंगे अपील:-
सरबजीत के वकील ओवेश शेख ने दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए कहा कि भारतीय डाक्टरों की एक टीम पाकिस्तान भेजने को लेकर वह भी बुधवार को अदालत में एक याचिका दायर करेंगे। याद रहे कि सरबजीत सिंह पर 26 अप्रैल को कोट लखपत जेल में कातिलाना हमला हुआ था। तब से वह कोमा में है।
कृत्रिम सांस पर जिंदा है सरबजीत :-
दलबीर कौर ने दैनिक जागरण के साथ फोन पर हुई बातचीत में सरबजीत की हालत के बारे में पूछने पर रोते हुए कहा कि वह ठीक नहीं है। उसकी सेहत में कोई भी सुधार नहीं है। वह भी जिन्ना अस्पताल में चल रहे सरबजीत के इलाज पर संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने आशंका प्रकट की है कि सरबजीत सिंह को कृत्रिम सांस से जिंदा रखा जा रहा है।
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वेंटिलेटर से हटाने को किया इंकार:-
दलबीर कौर ने कहा कि उन्होंने भारत सरकार से अपील की है कि सरबजीत को देखने के लिए भारतीय डाक्टरों की एक टीम भेजी जाए। दलबीर ने यह भी कहा कि बेशक पाकिस्तान के डाक्टरों ने सरबजीत सिंह के ब्रेन को डैड घोषित करने से मना कर दिया है। वहीं दलबीर ने भी अपने भाई को वेंटिलेटर से हटाने को साफ इंकार कर दिया है। वह इंतजार कर रही हैं कि भारतीय डाक्टरों की एक टीम जिन्ना अस्पताल में पहुंचे और सरबजीत की जांच करे ताकि उसकी हालत के बारे में सही जानकारी मिले।
सरबजीत के अंगूठे प क्यों लगी है स्याही:-
सरबजीत कौर की बहन दलबीर कौर ने आरोप लगाया कि जिन्ना अस्पताल के डाक्टरों द्वारा परिवार को सरबजीत सिंह की सेहत के बारे में अंधेरे में रखा जा रहा है। दलबीर कौर ने कहा कि वह देख कर हैरान रही है कि उसके भाई के हाथ के बाएं अंगूठे पर स्याही लगी हुई है।