एक क्लर्क के भरोसे चल रहा है आरटीओ कार्यालय

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FARRUKHABAD : शासन द्वारा परिवहन विभाग को भले ही आन लाइन करने की पूरी योजना के तहत rto kayum arto siyaram1स्मार्ट डाइविंग लाइसेंस की सुविधा मुहैया करायी जा रही हो लेकिन जनपद में आरटीओ कार्यालय में क्लर्कों की कमी से आम जनता को सुविधाओं से वंचित रहने के साथ ही तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

स्मार्ट ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया जनपद में जब से शुरू की गयी है तबसे आरटीओ कार्यालय के सामने सुबह से ही भीड़ लगनी शुरू हो जाती है और शाम तक तेज धूप व खुली हवा में लोगों को अपने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जूझना पड़ रहा है। वहीं जब विभागीय अधिकारियों से इस सम्बंध में जेएनआई ने बात की तो बताया कि कार्यालय में क्लर्कों की बेहद कमी है। तत्कालीन जिलाधिकारी मुथुकुमार स्वामी की पहल पर जनपद में चार क्लर्कों की तैनाती की गयी थी। लेकिन चार्ज लेने से पहले ही इन चारो क्लर्कों ने जनपद से अन्य जगहों के लिए अपना स्थानांतरण करवाकर पल्ला झाड़ लिया। जिससे आरटीओ कार्यालय फिर भी क्लर्कों से अछूता ही रह गया।

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वहीं क्लर्कों की कमी से विभाग के अन्य काम काज में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई पटलों पर तो क्लर्क न होने से महीनों पुरानी फाइलें भी लंबित पड़ीं हैं। लोगों को अपने वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए महीनों चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। इसी का फायदा उठाते हुए आरटीओ कार्यालय में दलालों का भी अच्छा खासा बोलबाला हो गया है। दलाल सुबह से ही अपनी दुकानें आरटीओ कार्यालय के सामने सजा लेते हैं और अपने काम के लिए दूर दराज से आने वाले ग्रामीणों से मुहं मांगी रकम वसूलकर उनका काम करवाते हैं। ग्रामीण भी रोज रोज की झंझट को देखते हुए इन्हीं दलालों को ही अपने काम का ठेका दे देते हैं। जिससे आरटीओ कार्यालय में बिना दलालों के कोई भी काम इस समय नहीं हो रहा है।

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